2021 में 127 बाघों की मौत हुई: पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव

सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद में कहा कि वृद्धावस्था सहित विभिन्न कारणों से 2021 में 127 बाघों की मृत्यु हुयी जबकि उससे पिछले साल यह संख्या 106 थी। वर्ष 2019 में 96 बाघों की मौत हुयी थी।

वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि बाघों की मौत के कई कारण हैं जिनमें वृद्धावस्था, बाघों के बीच आपस में लड़ाई, बिजली का करंट लगना, रोग और शिकार आदि शामिल हैं।

यादव ने कहा कि राज्यों से मिली सूचना के अनुसार 2021 में 127 बाघों की मौत हुयी। पिछले साल, मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 42 बाघों की मौत हुयी जबकि महाराष्ट्र में 27, कर्नाटक में 15 और उत्तर प्रदेश में नौ बाघों की मौत हुयी।

उन्होंने कहा कि जंगलों में बाघों का औसत जीवन काल 10-12 वर्ष का होता है और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र में, वृद्धावस्था, रोग, आपस में लड़ाई, बिजली का झटका, डूबना, सड़क व रेल दुर्घटनाओं में घायल होना जैसे कारकों की वजह से बाघों की मौत हो जाती है।

उन्होंने कहा कि सरकार वन्य जीवों व मानव संघर्षों के प्रबंधन के लिए प्रयास कर रही है और इयसके साथ ही अवैध शिकार के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कि बाघों की आबादी दोगुनी हो गई है।

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