राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता आज लगातार पांचवें दिन भी ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दोपहर 12 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 435 दर्ज किया गया।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ० सुरेश कुमार ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, खांसी, आंखो में जलन और बेचैनी की शिकायत है। डॉ० कुमार ने कहा कि अस्पताल के आपात विभाग में प्रतिदिन 25 से 30 रोगी पहुँच रहे हैं।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-ग्रेप का चौथा चरण तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत, आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को छोडकर अन्य राज्यों से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-सिक्स उत्सर्जन मानक वाले वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी। आयोग ने दिल्ली और इससे सटे राज्यों को भी प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया है।
इस बीच वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में 13 से 20 नवंबर तक एक सप्ताह के लिए ऑड-ईवन वाहन व्यवस्था लागू रहेगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीएस-थ्री पेट्रोल वाहनों और बीएस-फोर डीजल वाहनों पर जो प्रतिबंध लगाया गया था, वह भी जारी रहेगा।