केंद्र ने राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार, 2022 की घोषणा की; राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर) के अवसर पर विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने आज राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार, 2022 की घोषणा की। यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किया जाता है, अर्थात्,

  1. स्वदेशी मवेशी/भैंस की नस्लों को पालने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान,
  2. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) और
  3. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/ दूग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन।

उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए पशुपालन विभाग प्रत्येक श्रेणी में विजेताओं के नामों की घोषणा कर रहा है जो निम्नानुसार है:

क्रम संख्यावर्गचयनित आवेदकों के नामश्रेणी
1.स्वदेशी मवेशी/भैंस की नस्लों को पालने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान,i श्री जितेंद्र सिंह, फतेहाबाद, हरियाणा ii श्री रविशंकर शशिकांत सहस्रबुद्धे, पुणे, महाराष्ट्र iii सुश्री गोयल सोनलबेन नारन, कच्छ, गुजरातपहला दूसरा तीसरा
2.सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी)i श्री गोपाल राणा, बलांगीर, ओडिशा ii श्री हरि सिंह, गंगानगर, राजस्थान iii श्री माचेपल्ली बसवैया, प्रकाशम, आंध्र प्रदेशपहला दूसरा तीसरा
3.सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/ दूग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठनi मनंतवाडी क्षीरोलपादका सहकरण संगम लिमिटेड, वायनाड, केरलii अराकेरे दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड, मांड्या, कर्नाटकiii मन्नारगुडी एमपीसीएस, तिरुवरूर, तमिलनाडुपहला दूसरा तीसरा

इन पुरस्कारों में प्रथम रैंक के लिए 05 लाख रुपये, दूसरी रैंक के लिए 03 लाख रुपये और तीसरी रैंक के लिए 02 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रत्येक श्रेणी के लिए योग्यता प्रमाणपत्र और एक स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने अपने विकसित ऑनलाइन आवेदन पोर्टल यानी https://awards.gov.in के माध्यम से आवेदनों को 01.08.2022 से 10.10.2022 तक आमंत्रित किया था और इसके लिए कुल 2,412 आवेदन प्राप्त हुए थे।

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस समारोह,2022 के अवसर पर, डॉ. बाबू राजेंद्र प्रसाद अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र, जीकेवीके परिसर, बेंगलुरु, कर्नाटक में 26 नवंबर 2022 को पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार द्वारा आयोजित एक समारोह में विजेताओं के बीच इन पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा।

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार पशुधन और डेयरी क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी मवेशीयों को पालने वाले किसानों, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों और डेयरी सहकारी समितियों/ दुग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठनों की पहचान करना और उन्हें प्रोत्साहित करना है।

पशुधन क्षेत्र वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिसमें कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्र जीवीए का एक तिहाई हिस्सा शामिल है और इनका सीएजीआर 08 प्रतिशत से ज्यादा है। साथ ही, पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन गतिविधियां लाखों लोगों को सस्ता और पौष्टिक भोजन प्रदान करने के अलावा, विशेष रूप से भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों और महिला किसानों के लिए आय उत्पन्न करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

भारत में स्वदेशी गोजातीय नस्लें बहुत मजबूत हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता रखती हैं। स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण पर एक विशिष्ट अभियान की कमी होने के कारण उनकी आबादी घट रही है और उनका प्रदर्शन वर्तमान में वास्तविक क्षमता से कम है। इसलिए मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग ने स्वदेशी गोजातीय नस्लों को संरक्षण प्रदान करने और उनका विकास करने के उद्देश्य से दिसंबर 2014 में राष्ट्रीय गोजातीय प्रजनन और डेयरी विकास कार्यक्रम के अंतर्गत “राष्ट्रीय गोकुल मिशन” की शुरुआत की थी।