‘भारतीय नवाचार को गिफ्ट IFSC में स्थानांतरित करना’ विषय पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जिसमें 115 यूनिकॉर्न (बिलियन-डॉलर के उद्यम) शामिल हैं। भारतीय स्टार्टअप्स ने 2021 में 44 बिलियन डॉलर जुटाए, जिनमें से 33 बिलियन डॉलर; 5 मिलियन डॉलर से अधिक के सौदों के लिए थे। कई भारतीय स्टार्टअप भारत के बाहर स्थित हैं – हालांकि, उनके अधिकांश बाजार, कर्मी और संस्थापक भारत में ही मौजूद हैं। ये “बाहरी” या “विपरीत स्थिति वाले” स्टार्टअप में बड़ी संख्या में भारत के यूनिकॉर्न हैं।

विनियामक, कर, कानूनी और अन्य दृष्टिकोणों से बारीकियों को बेहतर ढंग से समझने और भारत (गिफ्ट आईएफ़एससी) को पसंदीदा स्थान बनाने से जुड़े आवश्यक उपायों की पहचान करने के लिए, आईएफ़एससीए ने भारतीय नवाचार को गिफ्ट आईएफ़एससी में स्थानांतरित करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए एक रोडमैप तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक जी. पद्मनाभन करेंगे। समिति में; प्रमुख वेंचर कैपिटल फंड्स, स्टार्टअप्स, फिनटेक, कानूनी कंपनियां, टैक्स कंपनियां और इस क्षेत्र के अन्य विशेषज्ञों के प्रतिनिधि शामिल किये गए हैं।

समिति के कार्यादेश की शर्तों में; विदेश-स्थित भारतीय फिनटेक / स्टार्टअप को गिफ्ट आईएफ़एससी में स्थानांतरण हेतु प्रोत्साहन देने के लिए आवश्यक उपायों की सिफारिश करना शामिल हैं। इसके अलावा, समिति उन मुद्दों की भी पहचान करेगी, जो गिफ्ट आईएफ़एससी को वैश्विक फिनटेक हब के रूप में विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। समिति गिफ्ट आईएफ़एससी में अपनी व्यावसायिक उपस्थिति स्थापित करने के लिए वैश्विक दृष्टिकोण रखने वाले नए फिनटेक को प्रोत्साहित करने के उपाय भी पेश करेगी। इसके अतिरिक्त, समिति गिफ्ट आईएफ़एससी को अंतर्राष्ट्रीय नवाचार केंद्र के रूप में विकसित करने से जुड़ी चुनौतियों की पहचान करेगी और उपायों की सिफारिश करेगी। उम्मीद है कि समिति तीन महीने के भीतर आईएफ़एससीए को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।