संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन संधि में शामिल देशों का 27वां सम्मेलन – COP27, आज मिस्र के शर्म-अल-शेख में शुरू हो गया। यह सम्मेलन इस महीने की 18 तारीख तक चलेगा। यह सम्मेलन सीओपी-26 में लिए गए निर्णयों पर की गई कार्रवाई से आगे बढ़ेगा। पिछले सम्मेलन में जलवायु संबंधी आपातस्थिति से निपटने के लिए निर्णय लिए गए थे। COP27 सम्मेलन मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों कार्बन गैस का उत्सर्जन घटाने, जलवायु परिवर्तन से निपटने की तैयारियों में विभिन्न देशों को मदद देने और तकनीकी सहयोग सुनिश्चित करने तथा विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने की गतिविधियों के लिए वित्त उपलब्ध कराने पर केन्द्रित रहेगा। COP27 सम्मेलन में पृथ्वी और पैरिस समझौते को लागू करने में विभिन्न देशों के एकजुटता के संकल्प को दोहराया जाएगा।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव भारतीय प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व कर रहे हैं। भूपेन्द्र यादव ने कहा कि विश्व जलवायु परिवर्तन से निपटने के स्थायी तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए इकट्ठा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन इस दिशा में ठोस कार्रवाई का मंच बनना चाहिए और इसमें जलवायु परिवर्तन पर अंकुश के लिए वित्त पोषण, अनुकूलन के परिणामों तथा इस प्रक्रिया में होने वाली हानि पर प्रमुख रूप से विचार-विमर्श होना चाहिए।