रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना में महिला लडाकू विमान पायलटों को शामिल करने की प्रायोगिक योजना को स्‍थायी बनाने का निर्णय लिया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उनके मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना में महिला लडाकू विमान पायलटों को शामिल करने की प्रायोगिक योजना को स्‍थायी योजना में बदलने का फैसला किया है। राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि यह भारत की नारी शक्ति की क्षमता और महिला शक्तिकरण के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

भारतीय वायु सेना महिलाओं सहित युवाओं को शामिल करने और उन्‍हें प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रेरक उपाय करती है। प्रायोगिक तौर पर कुल 16 महिलाओं को लड़ाकू विमान पायलट के रूप में शामिल किया गया है। उच्‍चतम न्‍यायालय ने पिछले साल केंद्र को महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। 2018 में वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। भारत की पहली महिला राफेल फाइटर जेट पायलट शिवांगी सिंह ने इस साल गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेते हुए देश की लड़की का ध्‍यान खींचा और उनकी कल्पना को उड़ान दी। निश्‍चित तौर पर महिलाओं का लडाकू विमान पायलट बनने का स्‍वप्‍न साकार हो रहा है।

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