वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) ने देश भर के सभी 18 सीआरटीडीएच में “सीआरटीडीएच द्वारा एमएसएमई का सशक्तिकरण” विषय पर चिंतन शिविर आयोजित करने की पहल की है। इसका उद्देश्य सीआरटीडीएच और एमएसएमई, स्टार्टअप और इनोवेटर्स के बीच संबंधों में सुधार लाना है। इस श्रृंखला में दो चिंतन शिविर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (आईआईटी खड़गपुर) और भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर), लखनऊ में डीएसआईआर-सीआरटीडीएच इकाई में सफलतापूर्वक आयोजित किए गए हैं। इस क्रम को जारी रखते हुए, तीसरा “चिंतन शिविर” डीएसआईआर के साथ सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआई), दुर्गापुर में आयोजित किया जाएगा।
सीएमईआरआई, दुर्गापुर के निदेशक डॉ. नरेश चंद्र मुर्मू के संबोधन और डीएसआईआर की वैज्ञानिक-जी और सीआरटीडीएच की प्रमुख डॉ. सुजाता चकलानोबिस द्वारा चिंतन शिविर के अवलोकन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होगी। डॉ. सुजाता चकलानोबिस और डॉ. नरेश चंद्र मुर्मू समारोह के दौरान डीएसआईआर-सीआरटीडीएच-सीएमईआरआई, दुर्गापुर में बनाए गए बुनियादी ढांचे का विवरण देने वाला एक वीडियो जारी करेंगे। डीएसआईआर के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. रणजीत बैरवा और डॉ. सुमन मजूमदार के साथ-साथ सीआरटीडीएच के परियोजना प्रभारी डॉ. सुदीप सामंत, सीआरटीडीएच-सीएमईआरआई के समन्वयक एस. वाई. पुजार और उनकी टीम इस कार्यक्रम में भाग लेगी। इस महत्वपूर्ण आयोजन के दौरान प्रतिभागियों में चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
सीआरटीडीएच-सीएमईआरआई, दुर्गापुर में भविष्य के प्रौद्योगिकी संबंधी क्रियाकलापों के अवलोकन पर कार्यक्रम के विषयगत सत्र को डॉ. सुदीप सामंत द्वारा संबोधित किया जाएगा। इसके बाद एस वाई पुजार द्वारा एमएसएमई कनेक्ट और अवसरों को मजबूत करने के लिए सीआरटीडीएच-सीएमईआरआई, दुर्गापुर में की गई गतिविधियों का सारांश प्रस्तुत किया जाएगा। एमएसएमई, स्टार्टअप और इनोवेटर्स के सामने आने वाली प्रमुख समस्याओं को चिन्हित करने के साथ-साथ सीआरटीडीएच से संभावित समाधानों पर चर्चा करने के लिए विषयगत सत्र “संवाद” तक जारी रहेगा। ये सत्र मुख्य रूप से एमएसएमई को उनके अनुसंधान एवं विकास संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करने में सीआरटीडीएच की भूमिका पर केंद्रित होंगे। उद्योग संगठनों, एमएसएमई के प्रतिनिधि भी अपने अनुसंधान एवं विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में सीआरटीडीएच की चुनौतियों और भूमिका पर अपने विचार रखेंगे। कार्यक्रम सीआरटीडीएच इकाइयों के एक संक्षिप्त दौरे के साथ समाप्त होगा, जिसका नेतृत्व मेहमानों और प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा।
यह चिंतन शिविर एमएसएमई/स्टार्टअप/इनोवेटर्स के उपस्थित सदस्यों, उद्योग संघों के प्रतिनिधियों और डीएसआईआर-सीआरटीडीएच-सीएमईआरआई की टीम के साथ उनके सामने आने वाली समस्याओं के संभावित समाधानों की पहचान करने के लिए एक संवादमूलक सत्र होगा। यह भारत को एक महत्वपूर्ण औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में एक कदम होगा।