विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का एक संयुक्त उद्यम, ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) ने आज अपना अभूतपूर्व राष्ट्रीय कुशल पाक कला कार्यक्रम (एनईसीपी) और ऊर्जा कुशल पंखा कार्यक्रम (ईईएफपी) का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का अनावरण केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और उद्योग मंत्री आर.के. सिंह ने किया। इन कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में, ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) देश भर में 1 करोड़ कुशल बीएलडीसी पंखे और 20 लाख ऊर्जा-दक्ष इंडक्शन कुक स्टोव वितरित करेगा।
राष्ट्रीय ऊर्जा दक्ष पाक कला कार्यक्रम (एनईसीपी) ने इंडक्शन-आधारित कुक-स्टोव पेश किया है, जो पारंपरिक खाना पकाने के तरीकों की तुलना में 25 से 30 प्रतिशत की लागत का लाभ प्रदान करता है। यह स्टोव ऊर्जा बचत और लागत प्रभावी खाना पकाने के समाधान दोनों का भरोसा प्रदान करता है। ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) पूरे भारत में 20 लाख इंडक्शन कुक-स्टोव वितरित करके, खाना पकाने के तरीकों के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना, स्वच्छ हवा सुनिश्चित करना और नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करना चाहता है। ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) ने इंडक्शन कुकटॉप्स की बड़े पैमाने पर उपयोग करने के लिए मॉडर्न एनर्जी कुकिंग सर्विसेज (एमईसीएस) के साथ भी साझेदारी की है। इस उपयोग से भारतीय रसोई घरों में आधुनिक इलेक्ट्रिक खाना पकाने के उपकरणों की स्वीकृति और बड़े पैमाने पर अपनाने में तेजी आने की आशा है।
ऊर्जा दक्ष पंखे कार्यक्रम (ईईएफपी) 1 करोड़ सीलिंग पंखे वितरित करने के लक्ष्य के साथ ऊर्जा-दक्ष बीएलडीसी पंखे तैनात करने पर केंद्रित है। ये पहल न केवल ऊर्जा की खपत और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करती हैं, बल्कि बिजली के बिल को कम करते हुए उपभोक्ता आराम को भी बढ़ाती हैं, जिससे सभी के लिए लाभ की स्थिति पैदा होती है। एक करोड़ सीलिंग पंखे लगाने का कार्यक्रम जुलाई 2023 में गोवा में जी-20 ऊर्जा परिवर्तन कार्य समूह के दौरान शुरू किया गया था। इसे जारी रखते हुए, ईईएसएल ऊर्जा दक्ष पंखे कार्यक्रम (ईईएफपी) नामक कार्यक्रम के अंतर्गत 20 लाख पंखों की पहली निविदा आमंत्रित कर रहा है।
“इलेक्ट्रिक कुकिंग ऊर्जा के लिए आयातित स्रोतों पर निर्भरता कम करने का एक तरीका है”
केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने ईईएसएल के गौरवान्वित अधिकारियों और अन्य लोगों की सभा को संबोधित करते हुए, उस रणनीतिक अनिवार्यता को रेखांकित किया जिसके कारण इलेक्ट्रिक खाना पकाने की ओर बदलाव आवश्यक है। आर के सिंह ने कहा, “हम आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस पर आधारित ऊर्जा से खाना पकाते हैं। आर्थिक रूप से हम इसे वहन कर सकते हैं, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना उचित नहीं है। यही एक कारण है कि हमें ऊर्जा के आयातित स्रोतों से स्वदेशी स्रोतों की ओर स्थानांतरित होने की आवश्यकता है और ऐसा करने का एक तरीका यह है कि हम अपना खाना पकाने के लिए बिजली का उपयोग करें।”
“ई-कुकिंग और गैस स्टोव का उपयोग करके पकाए गए भोजन के बीच बिल्कुल भी कोई अंतर नहीं”
केंद्रीय मंत्री महोदय ने इस बात पर बल दिया कि आग पर पकाए गए भोजन और इंडक्शन कुकर का उपयोग करके पकाए गए भोजन में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा, “हमें इसका प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है; विद्युत मंत्रालय और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत सभी संगठन इसे प्रचारित करने में मदद करेंगे, सभी संगठन मूल्य और उपलब्धता के संदर्भ में हर घर में बिजली से खाना पकाने के फायदे पहुंचाने के लिए एकजुट होंगे।”
“ई-कुकिंग से गरीब परिवारों की खाना पकाने की लागत कम हो जाएगी”
आर के सिंह ने बताया कि कैसे इलेक्ट्रिक कुकिंग की ओर स्थानांतरित होने से आम नागरिक को मदद मिलेगी। आर के सिंह ने कहा, “भले ही हम अपने गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देते हैं, लेकिन कई गरीब परिवार गैस सिलेंडर खरीदने में सक्षम नहीं हैं। तो, यह हमें जीवाश्म ईंधन पर आधारित खाना पकाने की ओर वापस लाता है। मेरा मानना है कि इलेक्ट्रिक कुकिंग ही इस समस्या का समाधान है; विशेष रूप से गरीब उपभोक्ताओं के लिए, यदि वे बिजली से खाना पकाने की ओर स्थानांतरित होते हैं, तो इससे बिजली की लागत को ध्यान में रखते हुए, उनकी खाना पकाने की लागत कम हो जाएगी।”
“ऊर्जा अक्षम पंखे जल्दी ही समाप्त हो जायेंगे”
केंद्रीय मंत्री महोदय ने सभी निर्माताओं को एक संदेश भी भेजा कि अक्षम पंखों को तेजी से चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा। आर के सिंह ने कहा, “ईईएसएल द्वारा लाए गए पंखे फाइव-स्टार हैं। हम तेज़ गति से अक्षम पंखों को हटाने जा रहे हैं। संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के सभी निर्माता इस पर ध्यान दें। हम चाहते हैं कि भारत के लोगों को सर्वश्रेष्ठ मिले। हम विश्व नेता बनना चाहते हैं और बने रहेंगे।”
“ईईएसएल और बीईई ने भारत की ऊर्जा परिवर्तन यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है”
मंत्री महोदय ने भारत को ऊर्जा परिवर्तन में विश्व नेता के रूप में उभरने में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले दोनों संगठनों ईईएसएल और ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) की सराहना की। आर के सिंह ने याद दिलाया कि सरकार द्वारा ऊर्जा के अन्य रूपों से लेकर बिजली तक और फिर बिजली को हरित करने तक अपनाई गई ऊर्जा परिवर्तन की रूपरेखा अर्थव्यवस्था को विद्युतीकृत करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। आर के सिंह ने कहा, “हमारी क्षमता का लगभग 44 प्रतिशत, और ऊर्जा के संदर्भ में लगभग 25 प्रतिशत पहले से ही गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोत है। वर्ष 2030 तक, हमारी क्षमता का लगभग 65 प्रतिशत गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से होगा, और ऊर्जा के संदर्भ में, यह लगभग 40 प्रतिशत से 45 प्रतिशत होगा। और हम आज जहां हैं वहां तक पहुंचने में सक्षम हैं, इसका मुख्य कारण बीईई और ईईएसएल के प्रयास हैं। दोनों ऐसी योजनाएं लेकर आए हैं जो विश्व-नेता हैं।” मंत्री महोदय ने कहा कि कई बाधाओं के बावजूद, स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी के बावजूद, ईईएसएल हमारी रोशनी को एलईडी में स्थानांतरित करने के लिए जिम्मेदार है।
मंत्री महोदय ने एलईडी कार्यक्रम की सफलता के लिए ईईएसएल की सराहना और बधाई देते हुए कहा: “आपको खाना पकाने के चूल्हे के साथ वही काम करना होगा जो काम आपने एलईडी के साथ किया था।”
“ऊर्जा दक्ष पंखे कार्यक्रम से भारी प्रतिस्थापन मांग पैदा होगी”
केंद्रीय ऊर्जा सचिव, पंकज अग्रवाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज शुरू किए गए दो कार्यक्रम उत्कृष्ट हैं और एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्ष पंखे कार्यक्रम से परिवर्तन की भारी मांग को बढ़ावा मिलेगा। पंकज अग्रवाल ने कहा, “देश में पंखों का बाज़ार लगभग रु. 10,500 करोड़ रुपये का है जिसमें लगभग 200 कंपनियाँ और लगभग 14 ब्रांडेड कंपनियाँ शामिल हैं। जो मांग आ रही है उसमें से बहुत सी मांग न केवल नई मांग है बल्कि बदलाव की मांग भी है। स्टार लेबलिंग कार्यक्रम एक बड़ी परिवर्तन की मांग को गति देने वाला है। मुझे आशा है कि भारतीय निर्माता उत्पादों के साथ तैयार हैं। ईईएसएल द्वारा प्रदान किया जा रही मांग एकत्रीकरण पैमाने की अर्थव्यवस्था लाएगी और बड़ी पहुंच भी बनाएगी।”
पंकज अग्रवाल ने कहा कि अर्थव्यवस्था के विद्युतीकरण के लिए गतिशीलता और खाना पकाने का विद्युतीकरण महत्वपूर्ण है। पंकज अग्रवाल ने कहा, “इलेक्ट्रिक इंडक्शन-कुकिंग बाज़ार प्रति वर्ष लगभग 10 मिलियन यूनिट का है; ऊर्जा परिवर्तन के लिए हमारी बहुत बड़ी महत्वाकांक्षाएं हैं। ईईएसएल पहल से पहुंच बढ़ाने, कीमतों में कमी लाने और बड़े पैमाने पर नागरिकों को लाभ प्रदान करने में मदद मिलेगी।”
“भारत ने जी-20 में ऊर्जा परिवर्तन एजेंडा स्थापित करने में दुनिया का नेतृत्व किया”
ऊर्जा सचिव ने कहा कि भारत ने जी-20 के अध्यक्ष के रूप में दुनिया के लिए ऊर्जा क्षेत्र और ऊर्जा परिवर्तन का एजेंडा तय करने में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई। पंकज अग्रवाल ने कहा, “हम ऊर्जा परिवर्तन में अग्रणी रहे हैं, हम अपनी बात पर आगे बढ़ रहे हैं। हमने नवीकरणीय खरीद दायित्वों (आरपीओ) को अधिसूचित किया, जिसके लिए हमने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम में अधिदेश निर्धारित किए। हमने राज्यों को उनकी प्राथमिकताओं के अनुसार दायित्वों को पूरा करने का अवसर दिया। एक क्षेत्र जिसमें एक कठिन दायित्व निर्धारित किया गया है वह वितरित नवीकरणीय ऊर्जा का क्षेत्र है, जिसमें हम वास्तव में कड़ी मेहनत करना चाहते हैं और अपनी उच्च आकांक्षाओं को पूरा करना चाहते हैं।”
बीईई के महानिदेशक अभय बाकरे ने इस बात पर बल दिया कि राष्ट्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा परिवर्तन किफायती और न्यायसंगत तरीके से होना चाहिए। अभय बाकरे ने कहा, “इसमें, न केवल आपूर्ति पक्ष, बल्कि मांग पक्ष दक्षता में सुधार और मांग पक्ष ऊर्जा प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है। हमने ऊर्जा दक्षता को दोगुना करने के लिए पहले ही एक बहुत स्पष्ट रूपरेखा को सामने रखा है। इन मांग पक्ष के उपायों से वर्ष 2050 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को लगभग 40 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता है।”
महानिदेशक महोदय ने कहा कि आज शुरू की गई दो पहलें योजनाओं को आम नागरिक के दरवाजे तक पहुंचाने में काफी मदद करेंगी। उन्होंने कहा, “यदि सभी क्षेत्रों में विद्युतीकरण में हमारी हिस्सेदारी अधिक है, तो यह बताता है कि हम एक विकसित देश की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए, जब हम कुछ दशकों में एक विकसित देश बनने की आकांक्षा रखते हैं, तो इलेक्ट्रिक कुकिंग एक बहुत अच्छा समाधान है।”
ईईएसएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल कपूर ने कहा: “राष्ट्रीय कुशल पाक कला कार्यक्रम और ऊर्जा दक्ष पंखे कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ, ईईएसएल भारतीय घरों में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए साहसिक कदम उठा रहा है। हमारी पिछली पहल, जैसे उजाला योजना के अंतर्गत लाखों एलईडी बल्बों का वितरण और स्ट्रीट-लाइटिंग राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत एलईडी स्ट्रीटलाइट्स की स्थापना, ने पहले ही ऊर्जा खपत को कम करने, अधिकतम मांग को रोकने और कार्बन उत्सर्जन में कटौती करके काफी प्रभाव डाला है।