FCI द्वारा चौथी ई-नीलामी में 23 राज्यों के 1049 बोलीदाताओं को 5.40 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा गया

भारत सरकार द्वारा गेहूं एवं आटे की कीमत को नियंत्रित करने के उद्देश्य से बाजार हस्तक्षेप की दिशा में की जा रही पहल के तहत, खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के माध्यम से गेहूं की बिक्री के लिए चौथी ई-नीलामी आज आयोजित की गई। इस दौरान, कुल 11.57 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पेशकश की गई और 23 राज्यों में 1049 बोली लगाने वालों को 5.40 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा गया।

चौथी ई-नीलामी में प्राप्त अखिल भारतीय भारित औसत बिक्री मूल्य के मुकाबले 2193.82 रुपये/क्विंटल के भंडार को अखिल भारतीय भारित औसत आरक्षित मूल्य 2137.04 रुपये/क्विंटल के दाम पर बेचा गया।

चौथी ई-नीलामी में 100 से 499 मीट्रिक टन गेहूं की अधिकतम मांग हुई थी, जिसके बाद 500-999 मीट्रिक टन की मात्रा और फिर 50-100 मीट्रिक टन की मांग की गई थी। कुछ बोलियां एक बार में 3000 मीट्रिक टन गेहूं की अधिकतम मात्रा के लिए भी लगाई गई थीं।

पहली नीलामी 1 और 2 फरवरी 2023 को आयोजित हुई थी, जिसमें 9.13 लाख मीट्रिक टन गेहूं 1016 बोलीदाताओं को 2474 रुपये प्रति क्विंटल के भारित औसत मूल्य पर बेचा गया था। 15 फरवरी 2023 को संपन्न हुई दूसरी नीलामी के दौरान 3.85 लाख मीट्रिक टन गेहूं की मात्रा 1060 बोलीदाताओं को 2338 रुपये/क्विंटल के भारित औसत मूल्य पर बेची गई। इसके बाद 5.07 लाख मीट्रिक टन गेहूं तीसरी ई-नीलामी के माध्यम से 875 सफल बोलीदाताओं को विक्रय किया गया, जिसका भारित औसत मूल्य 2173 रुपये/क्विंटल था। नीलामी के दौरान प्राप्त हुई कुल कीमत बताती है कि बाजार मंदा हो गया है और यह औसतन 2200 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे है।

तीसरी ई-नीलामी तक 18 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक बेचा जा चुका है, जिसमें से 28.02.2023 तक 14.35 लाख मीट्रिक टन उठा लिया गया है। चौथी ई-नीलामी के बाद खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत बेचे गए गेहूं की कुल मात्रा 45 लाख मीट्रिक टन के कुल आवंटन के मुकाबले 23.47 लाख मीट्रिक टन हो गई है। इस बिक्री ने पूरे देश में गेहूं और आटे की कीमत को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत गेहूं की खुली बिक्री के लिए भविष्य की निविदाओं के साथ स्थिर रहने की संभावना है।