जी20 के संस्कृतिकार्य दल (सीडब्ल्यूजी) की पहली बैठक आज से मध्य प्रदेश के खजुराहो में शुरू होगी

जी20 के संस्कृति कार्य दल (सीडब्ल्यूजी) की पहली बैठक आज से मध्य प्रदेश के खजुराहो में शुरू होगी। यह बैठक 22 से 25 फरवरी तक आयोजित की जाएगी।

केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन एवं डोनर मंत्री जी.के. रेड्डी; मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी कल महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर (एमसीसीसी) में ‘रि(ए)ड्रेस: रिटर्न ऑफ ट्रेजरीज’ नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे।

खजुराहो हवाई अड्डे पर प्रतिनिधियों के आगमन पर उनका स्वागत लोक प्रस्तुति ‘बधाई’ और ‘राई’ के साथ किया जाएगा। इन प्रतिनिधियों को पारंपरिक कला एवं संस्कृति‍ से जुड़े विशिष्‍ट अनुभव कराए जाएंगे और बैठक के दौरान वे पेपर मेशी, ब्लॉक प्रिंटिंग, मेंहदी कला (हिना आर्ट) जैसे डीआईवाई कार्यकलापों में भाग लेंगे।

बैठक के पहले दिन पद्मश्री से सम्‍मानित नेक राम, जो‘मिलेट मैन’के नाम से जाने जाते हैं, को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष (आईवाईएम)2023’ मनाने के लिए आमंत्रित किया गया है।

इस बैठक के अगले तीन दिनों में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जिनमें खजुराहो नृत्य महोत्सव सांस्कृतिक प्रस्तुतियांभी शामिल हैं। ये प्रतिनिधिगण पश्चिमी मंदिर समूह का भी मुआयना करेंगे, जो कि यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल है। उन्हें पन्ना टाइगर रिजर्व भी ले जाया जाएगा। इस बैठक में 125 से भी अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे।

इस बैठक के दौरान महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में कार्य दल के चार सत्र आयोजित करने की योजना बनाई गई है जिनमें जी20 के सदस्य देश, अंतर्राष्ट्रीय संगठन, संस्कृति मंत्रालय के अधिकारीगण भाग लेंगे। उद्घाटन सत्र को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार के अलावा संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी संबोधित करेंगी। संस्कृति सचिव गोविन्द मोहन इस सत्र की अध्यक्षता करेंगे। इस सत्र में ट्रोइका(इंडोनेशिया और ब्राजील) की टिप्पणी भी प्रस्तुत की जाएगी।

आज खजुराहो के निकट छतरपुर में मीडिया को संबोधित करते हुए संयुक्त सचिव लिली पांडेय ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत खजुराहो, हम्पी, भुवनेश्वर, वाराणसी में संस्कृति कार्य दल की चार बैठकें आयोजित की जाएंगी। इस वर्ष जी-20 की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम- एक धरती ·एक परिवार· एक भविष्य’है।