विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने जोर देकर कहा है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की रणनीतिक साझेदारी तेजी से बढ रही है। उन्होंने आज ऑस्ट्रेलिया की अपनी समकक्ष पेनी वांग के साथ 14वीं मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लिया। दोनों मंत्रियों ने त्रिस्तरीय, चार-स्तरीय और बहुपक्षीय मंचों पर निकट सहयोग के बारे में चर्चा की। उन्होंने हिन्द प्रशांत तथा पश्चिमी एशिया पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
डॉ.जयशंकर ने एक संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया संबंधों के हर पहलू के क्षेत्र में तेजी आ रही है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई। विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि उदार लोकतंत्र और क्वाड सहयोगी के रूप में भारत और ऑस्ट्रेलिया नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की दिशा में कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देश सभी देशों की प्रादेशिक अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा में नौवहन की स्वतंत्रता, संपर्क बढाने, वृद्धि तथा सभी के लिए सुरक्षा के पक्षधर हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की मुक्त, खुले, समावेशी, समृद्ध और नियम आधारित हिन्द प्रशांत क्षेत्र को लेकर साझा प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में अधिक भरोसेमंद, विश्वसनीय और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने के प्रति वचनबद्धता व्यक्त की है। विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और आसियान की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने आतंकवाद, कट्टरपंथ और उग्रवाद पर भी बातचीत की।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया अगले वर्ष फरवरी में पर्थ में हिन्द महासागर सम्मेलन का आयोजन करेगा। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों के व्यावहारिक समाधान पर चर्चा का अवसर मिलेगा। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच दृश्य श्रव्य सह निर्माण समझौते की भी घोषणा की।