प्रमुख रूप से बिहार सहित देश के कई हिस्सों में नहाय-खाय के अनुष्ठान के साथ चार दिन का छठ पूजा पर्व आज से शुरू हो गया। श्रृद्धालुओं ने पहले दिन विभिन्न नदियों, तालाबों और जलाशयों में डुबकी लगाकर सूर्य भगवान की पूजा की। इसके बाद उन्होंने अरवा चावल, चना दाल और हरी सब्जियों का प्रसाद ग्रहण किया।
कल खरना के बाद 36 घंटे का उपवास शुरू होगा। इस दौरान श्रृद्धालु पानी भी नहीं पीते। रविवार को अस्त होते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जायेगा। इससे अगले दिन श्रृद्धालु पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को दूसरा और अंतिम अर्घ्य देंगे। इसके साथ इस पर्व का समापन हो जायेगा। पारण अनुष्ठान के बाद श्रृद्धालु प्रसाद और भोजन ग्रहण करेंगे।
बिहार में गंगा, गंडक, कोसी, सोन, कमला बालन और राज्य की अन्य नदियों के किनारे पर छठ पूजा की जाएगी। इसके अलावा सूर्य मंदिरों में बनाये गये छठ घाटों पर भी पूजा की जायेगी। जिला प्रशासन ने श्रृद्धालुओं के लिए बड़ी संख्या में छठ घाट बनाये हैं।
रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घर जाने वाले लोगों की सुविधा के लिए छठ पूजा विशेष ट्रेनें चलाई हैं। बिहार के अलावा छठ का पर्व प्रमुख रूप से झारखण्ड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित अनेक स्थानों पर मनाया जा रहा है।