सरकार ने अंतरराष्‍ट्रीय यात्रियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए, जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों को अब पृथकवास केन्‍द्र में रखा जाना अनिवार्य नहीं

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं जो आज से लागू हो गए हैं। जोखिम वाले देशों से आये और भारत पहुंचने पर कोविड-पॉजिटिव पाए गए यात्रियों का मानक नियमों के अनुसार उपचार किया जाएगा या पृथकवास में रखा जाएगा। उन्हें अनिवार्य रूप से पृथकवास केंद्र में रहना नहीं होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार जोखिम वाले देशों से आ रहे यात्रियों को कोविड जांच के लिए सैम्पल देना होगा और उन्हें जांच परिणाम आने तक हवाई अड्डे पर प्रतीक्षा करनी होगी। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें सात दिन के पृथकवास में घर पर रहना होगा और भारत पहुंचने के आठवें दिन आरटीपीसीआर जांच करानी होगी। इस जांच में भी रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें अगले सात दिन तक अपने स्वास्थ्य पर नजर रखनी होगी, लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उनका सैम्पल जिनोमिक परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।

जोखिम वाले देशों को छोड़कर अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से दो प्रतिशत को पहुंचने के तुरंत बाद हवाई अड्डे पर ही जांच करानी होगी। प्रत्येक उड़ान से इन यात्रियों का चयन संबंधित विमान कंपनियां करेंगी। इन चुने गए यात्रियों सहित उड़ान से आये सभी यात्रियों को रिपोर्ट निगेटिव आने पर सात दिन के होम क्वारंटीन में रहना होगा और आठवें दिन आरटीपीसीआर जांच करानी होगी। यदि यह जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उन्हें अगले सात दिन तक के लिए अपने स्वास्थ्य पर निगरानी रखनी होगी। जांच रिपोर्ट पॉजेटिव आने पर उनका सैम्पल जिनोमिक परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। अन्य सभी नियम और अपेक्षाएं पहले के दिशा-निर्देशों के समान हैं। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आने से पहले और बाद के परीक्षण से छूट दी गई है।

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