सरकार ने ड्रोन विमानों के प्रमाणन को सरल, तीव्र और पारदर्शी बनाने के लिए ड्रोन प्रमाणन योजना अधिसूचित की है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि उदार नियम, एयर स्पेस मैप, पी एल आई योजना और सिंगल विंडो डिजिटल स्काई प्लेटफार्म से भारत में ड्रोन विनिर्माण उद्योग को मदद मिलेगी। मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत को विश्व का ड्रोन केंद्र बनाने की दिशा में यह एक प्रभावी कदम होगा।
सरकार भारत में ड्रोन विमानों के लिए विश्व की अग्रणी अनुकूल व्यवस्था स्थापित करने का प्रयास कर रही है। इससे भारतीय क्षेत्र में ड्रोन विमानों के सुरक्षित, कुशल और सुगम्य संचालन के लिए भौतिक और डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। ड्रोन प्रौद्योगिकी तेजी से विकसित हो रही है। यह कृषि, बुनियादी ढांचा, आपात उपायों, परिवहन और भूस्थानिक मापन सहित अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि केंद्र ने ड्रोन पंजीकरण और संचालन के लिए डिजिटल स्काई प्लेटफार्म बनाया है। उपयोगकर्ताओं को इस पर पंजीकरण कराना होगा तथा येलो और रेड जोन में प्रत्येक उडान के लिए ऑनलाइन अनुमति लेनी होगी।