हरदीप सिंह पुरी ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की सफलता का जश्न मनाने के लिए सांस्कृतिक उत्सव ‘स्वनिधि महोत्सव’ का शुभारंभ किया

Hardeep Singh Puri launches cultural festival 'Svanidhi Mahotsav' to celebrate the success of Pradhan Mantri Svanidhi Yojana

आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि औपचारिक अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ाव के कारण रेहड़ी-पटरी वाले (स्ट्रीट वेंडर) भारत की आर्थिक विकास यात्रा का एक अनिवार्य हिस्सा रहे हैं और किफायती दरों पर वस्तुएं और सेवाएं उपलब्ध कराकर रहन-सहन के खर्च को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हरदीप सिंह पुरी आज यहां प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की सफलता का जश्न मनाने के लिए सांस्कृतिक उत्सव स्वनिधि महोत्सव और स्वनिधि महोत्सव वेबसाइट का शुभारंभ करने के बाद मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। इस अवसर पर मनोज जोशी, सचिव, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए), संजय कुमार, अपर सचिव, एमओएचयूए और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि एमओएचयूए देश के 33 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के 75 शहरों में 09 जुलाई से 31 जुलाई, 2022 तक प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और लाभार्थी रेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडरों) तथा उनके परिवारों की सफलता का जश्न मनाने के लिए सांस्कृतिक उत्सव ‘स्वनिधि महोत्सव’ का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्वनिधि महोत्सव लाभार्थी स्ट्रीट वेंडरों की विकास गाथा और भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को पहचानने तथा उसे मनाने का त्योहार है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य इन छोटे उद्यमियों के साथ भारत की आजादी के 75 साल का जश्न मनाना है और क्रेडिट अनुशासन, डिजिटल व्यवहार का प्रदर्शन करने और पीएम स्वनिधि योजना के साथ अपने सूक्ष्म व्यापार कौशल को प्रदर्शित करने की उनकी यात्रा का सम्मान करना है।

हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि रेहड़ी-पटरी वालों को कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा देने के लिए 1 जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की गई थी ताकि वे अपने व्यवसायों को फिर से शुरू कर सकें, जो कोविड-19 महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए थे। उन्होंने कहा कि यह योजना रेहड़ी-पटरी वालों के वित्तीय समावेशन का पहला व्यापक प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस योजना से पहले, रेहड़ी-पटरी वाले लोग पूंजी के लिए उच्च ब्याज दरों पर ऋण देने वाले अनौपचारिक माध्यमों पर निर्भर थे।

हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि योजना के तहत अब तक 53.7 लाख पात्र आवेदन प्राप्त हुए हैं, इनमें से 36.6 लाख ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं और 33.2 लाख ऋण वितरित किए जा चुके हैं। अब तक 3,592 करोड़ रुपये की कुल राशि वितरित की जा चुकी है और लगभग 12 लाख रेहड़ी-पटरी वालों ने अपना पहला ऋण चुका भी दिया है।

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह महोत्सव गणमान्य हस्तियों और अन्य हितधारकों की सम्मानित उपस्थिति में रेहड़ी-पटरी वालों और उनके परिवारों को जोड़ेगा। उन्होंने स्वनिधि महोत्सव का हिस्सा बनने के लिए देश के रेहड़ी-पटरी वालों का स्वागत किया है।

इस महोत्सव में कई तरह की गतिविधियां शामिल होंगी, जैसे:

  1. सांस्कृति गतिविधियां,
  2. डिजिटल लेनदेन प्रशिक्षण,
  3. ऋण मेला,
  4. प्रतिष्ठित रेहड़ी-पटरी वालों का अभिनंदन समारोह,
  5. अनुभव साझा करना
  6. योजना की विशेषताओं और लाभों का प्रचार करने के लिए नुक्कड़ नाटक

योजना की विशेषताएं और इसकी सफलता के लिए किए गए उपाय:

  1. इस योजना में कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में पहले वर्ष की अवधि के लिए 10,000 रुपये दिए जाते है, उसके बाद व्यवसाय के विस्तार को संभव करने के लिए, पहले के ऋणों के पुनर्भुगतान पर क्रमशः दूसरे और तीसरे साल में 20,000 रुपये और 50,000 रुपये के बढ़े हुए ऋण प्रदान किए जाते हैं।
  2. यह योजना प्रति माह 100 रुपये तक के कैशबैक के माध्यम से डिजिटल लेन-देन को अपनाने को प्रोत्साहित करती है जो बदले में ऋण देने वाले संस्थानों से भविष्य में ऋण लेने की सुविधा के लिए उनके क्रेडिट प्रोफाइल का निर्माण करेगी।
  3. यह योजना 7% ब्याज सब्सिडी के माध्यम से पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करती है
  4. इस योजना की संरचना इस तरह से की गई थी कि यदि कोई स्ट्रीट वेंडर ऋण की ईएमआई तुरंत चुकाता है और आवश्यक संख्या में डिजिटल लेन-देन करता है, तो ब्याज सब्सिडी और प्राप्त कैशबैक ऋण को ब्याज मुक्त बना जाएगी।
  5. मांग आधारित पंजीकरण को प्रोत्साहित करके नए स्ट्रीट वेंडरों को पहचानने के लिए ‘लेटर ऑफ सिफ़ारिश’ (एलओआर) की नई अवधारणा पेश की गई थी।
  6. एलओआर के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस उपकरण के माध्यम से 30 लाख से अधिक नए वेंडरों को मान्यता दी गई है, जिससे मान्यता प्राप्त रेहड़ी-पटरी वालों की संख्या दोगुनी होकर लगभग 60 लाख हो गई है।
  7. इस मंत्रालय की लगातार कोशिशों के कारण 25 राज्यों ने या तो पीएम स्वनिधि ऋणों पर स्टांप शुल्क में छूट दी है या 100 रुपये तक की मामूली राशि वसूल कर रहे हैं।
  8. इस योजना के कार्यान्वयन के लिए एक संपूर्ण आईटी समाधान विकसित किया गया है, जिसमें आधार, उद्यमी, सिडबी, एनपीसीआई, पैसा पोर्टल आदि के डेटा-बेस को एकीकृत करते हुए स्वनिधि से समृद्धि लाना शामिल है और इस प्रकार अर्थव्यवस्था के सबसे कमजोर वर्गों के लिए डिजिटल इंडिया पहल को बढ़ावा देना है।
  9. मंत्रालय द्वारा उठाए गए उपरोक्त सभी उपायों ने पीएम स्वनिधि को आजादी के बाद से सबसे तेजी से बढ़ने वाली सूक्ष्‍म ऋण योजना बना दिया है।
  10. लाभार्थियों को डिजिटल तौर पर जोड़ना पीएम स्वनिधि योजना का एक अभिन्न अंग है, जो रेहड़ी-पटरी वालों की क्रेडिट प्रोफाइल बनाने में मदद करता है। ऐसे विक्रेता 4,500 से अधिक शहरी स्थानों में डिजिटल संदेशवाहक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
  11. डिजिटल तौर पर जोड़ने और प्रशिक्षण को और गति देने के लिए ‘मैं भी डिजिटल’ (एमबीडी) अभियान जनवरी-फरवरी 2021 में शुरू किया गया था। एमबीडी 2.0 को फिर से 1 जुलाई से 15 अगस्त, 2021 तक लागू किया गया था। एमडीबी 3.0 को एमईआईटीवाई के समन्वय में लागू किया गया था और थर्ड पार्टी निजी डिजिटल भुगतान कर्ताओं ने (पेटीएमफोन पेभारत पेएमस्वाइप और ऐसवेयर ने भाग लिया) 9 सितंबर से 30 नवंबर, 2021 तक 223 शहरों का चयन किया।
  12. अब तक, 12.8 लाख रेहड़ी-पटरी वाले डिजिटल रूप से सक्रिय हैं और उन्होंने 19 करोड़ डिजिटल लेनदेन दर्ज किए हैं। इन लाभार्थियों ने कैशबैक के रूप में 12 करोड़ रुपये का दावा किया है।
  13. स्वनिधि से समृद्धि योजना के माध्यम से, हम उन्हें समग्र विकास के लिए एक सुरक्षा नेट बनाने और उसे अपनाने लिए प्रोत्साहित करते हैं।
  14. स्वनिधि से समृद्धि योजना के माध्यम से, पीएम स्वनिधि लाभार्थियों और उनके परिवार के सदस्यों को केंद्र सरकार की 8 कल्याणकारी योजनाओं के लिए सिंगल विंडो एक्सेस प्रदान किया जाता है।
  15. अब तक इन योजनाओं के तहत 11 लाख से अधिक लाभार्थियों और परिवार के सदस्यों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान की सुविधा के लिए 25 लाख से अधिक स्वीकृतियां की गई हैं।