2045 तक भारत में तेल की मांग प्रतिदिन एक करोड़ दस लाख बैरल हो जायेगी

सरकार ने कहा है कि पेट्रोल निर्यातक देशों के संगठन -ओपेक के प्रकाशन वर्ल्‍ड आयल आउट लुक 2021 के अनुसार वर्ष 2045 तक भारत में तेल की मांग प्रतिदिन लगभग एक करोड़ दस लाख बैरल हो जायेगी। वर्ष 2021 में भारत में तेल की मांग लगभग 49 लाख बैरल प्रतिदिन थी। आज राज्‍यसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में पेट्रोल और प्राकृतिक गैस राज्‍यमंत्री रामेश्‍वर तेली ने यह जानकारी दी।

उन्‍होंने बताया कि सरकार, देश को ऊर्जा सुरक्षा उपलब्‍ध कराने के लिए अनेक उपाय कर रही है। उन्‍होंने कहा कि इसी उद्देश्‍य से तमिलनाडु सहित देश के सभी राज्‍यों में तेल और गैस के घरेलू उत्‍पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। रामेश्‍वर तेली का यह भी कहना था इसके‍ लिए नए देशों और क्षेत्रों से तेल और गैस के आयात की संभावना भी तलाश की जा रही है। उन्‍होंने कहा कि पारम्‍परिक तेल और गैस के स्रोतों के अलावा एथोनॉल, कम्‍प्रेस्‍ड बायो गैस और हाइड्रोजन जैसी ईंधनों पर भी ध्‍यान दिया जा रहा है।

रामेश्‍वर तेली ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार ओपेक में शामिल कच्‍चा तेल उत्‍पादक देशों और अन्‍तर्राष्‍ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ द्वीपक्षीय वार्ता भी जारी रखे हुए है। इनके माध्‍यम से सरकार कच्‍चे तेल की कीमतों में उथल पुथल से संबंधित भारत की गंभीर चिन्‍ताओं से उन्‍हें अवगत कराया जा रहा है। भारत, कच्‍चे तेल के ग्राहक देशों को उचित दाम पर इसकी उपलब्‍धता का इच्‍छुक है।

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