इजरायल ने लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल किया है। मुम्बई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों के 15 वर्ष पूरे होने वाले हैं। ऐसे समय में इजरायल दूतावास ने बयान जारी करके कहा है कि इजरायल ने यह कदम स्वयं उठाया है, न कि भारत सरकार के किसी अनुरोध पर। लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल करने के निर्णय के बारे में दूतावास ने बताया कि आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक स्तर पर मिलकर लड़ने की साझा प्रतिबद्धता को व्यक्त करने के लिए ऐसा किया गया है।
इजरायल के दूतावास ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा एक खूंखार और निंदनीय आतंकवादी संगठन है, जो सैकड़ों भारतीय नागरिकों और अन्य लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार है। 26 नवंबर 2008 को इसकी जघन्य कार्रवाई की याद अमन-चैन की इच्छा रखने वाले सभी देशों और समाज के दिलों में अभी भी बरकरार है। इजरायल ने मुम्बई हमले में मारे गए सभी लोगों, उस घटना के बाद बचे लोगों और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है, जो शांतिपूर्ण भविष्य के लिए एकजुट हैं।
पाकिस्तान से संचालित होने वाले लश्कर-ए-तैयबा का प्राथमिक उद्देश्य कश्मीर में भारतीय सैनिकों पर हमले करना है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में इसकी पहचान पाकिस्तान की मदद से काम करने वाले घातक आतंकवादी संगठन के रूप में बनी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राज्य अमरीका पहले ही इसे अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित कर चुके हैं। भारत और अमरीका के दबाव के बाद 13 जनवरी 2002 को पाकिस्तान ने इस पर औपचारिक रूप से पाबंदी लगाने की घोषणा की थी।