राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संथाली लेखकों से नई पीढ़ी में रुचि पैदा करने वाली किताबें लिखने का आह्वान

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज संथाली लेखकों का आह्वान किया कि वे ऐसी पुस्‍तकें लिखे, जिनसे संथाली भाषा के बारे में नई पीढी के बच्‍चों में रूचि पैदा हो। बारीपदा में अखिल भारतीय संथाली लेखक संघ के 36वें वार्षिक सम्‍मेलन और साहित्‍योत्‍सव का उद्घाटन करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि संथाली भाषी लोगों को सर्वप्रथम अपनी भाषा से प्रेम करना चाहिए और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए काम करना चाहिए। उन्‍होंने संथाली समुदाय और भाषा के समृद्ध इतिहास और पंरपरा को बनाए रखने के लिए इस भाषा के लेखकों के कठिन परिश्रम की सराहना की।

संथाली एक मुंडा भाषा है, जो मुख्‍य रूप से भारत के पूर्वी-मध्‍यवर्ती राज्‍यों ओडिसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ और झारखंड में बोली जाती है।

राष्‍ट्रपति मयूरभंज और संबलपुर जिलों में विभिन्‍न कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेने के लिए ओडिसा की तीन दिन की यात्रा पर है। वे मयूरभंज जिले से सम्‍बद्ध है। श्रीमती मुर्मु आज तीसरे पहर मयूरभंज जिले के कुलियाना कस्‍बे में एकलव्‍य मॉडल आवासीय स्‍कूल का उद्घाटन करेंगी।