केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड संक्रमण प्रभावित और गैर कोविड संक्रमण क्षेत्रों में काम कर रहे स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए है।
दिशा-निर्देशों में मंत्रालय ने कहा है कि सभी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र अपनी अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समिति-एचआईसीसी को सक्रिय करेंगे। एचआईसीसी स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं के लिए संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण पर नियमित प्रशिक्षण आयोजित करेंगे। स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं से जुड़े संक्रमण के सभी मामलों को देखने के लिए प्रत्येक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र पर एक नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। संक्रमण की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि अस्पतालों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता उपयुक्त पीपीई किट का उपयोग करें। नोडल अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेगा कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि स्वास्थ्य कर्मी स्वयं के स्वास्थ्य की निगरानी, संक्रमण के सामान्य लक्षणों की पहचान और ऐसे लक्षणों की तत्काल जानकारी देने में सक्षम हो। इसके अलावा कोविड वैक्सीन के दोनों टीके लगवा चुके सभी स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार एहतियाती तीसरा टीका लगवाएंगे।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं और संक्रमण के अत्यधिक जोखिम की संभावना वाले स्वास्थ्य कर्मियों को अपने स्वास्थ्य के बारे में अस्पताल के अधिकारियों को सूचित करना होगा।
संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड रोगियों की देखभाल करते समय संक्रमण के किसी भी जोखिम या पीपीई किट पहनने की अनिवार्यता के उल्लंघन की सूचना संबंधित नोडल अधिकारी और संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष को तुरंत देनी होगी।
संक्रमण के जोखिम वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पीपीई किट पहन कर काम जारी रखना होगा और पांचवें दिन या 14 दिन के भीतर लक्षण दिखाई देने पर कोविड जांच करानी होगी।
किसी स्वास्थ्य कार्यकर्ता में कोविड के लक्षण दिखाई देने पर जांच के बाद उसे तत्काल आइसोलेट किया जाएगा। हल्के और बिना लक्षण वाले रोगी को संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार होम आइसोलेट किया जाएगा। मध्यम लक्षण वाले स्वास्थ्य कर्मी को समर्पित कोविड देखभाल केंद्र भेजा जाएगा और गंभीर लक्षण वाले रोगी का इलाज समर्पित कोविड अस्पताल में किया जाएगा।
वे स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता जिनमें संक्रमण की पुष्टि नहीं होती है लेकिन लक्षण दिखाई देते हैं ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों का इलाज गैर कोविड वार्ड में किया जाएगा।