भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरी टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता कल नई दिल्ली में हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस और विदेश मंत्री पेनी वॉंग के साथ इसकी सह-अध्यक्षता की। वार्ता में मंत्रियों ने विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के संबंध सुदृढ़ बनाने पर चर्चा की। इनमें रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश, महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान, शिक्षा और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध प्रगाढ़ करना शामिल हैं।
दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। साथ ही लघु पक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग मज़बूत करने के लिए समान हित की प्राथमिकताओं पर भी बातचीत की गई। वार्ता के दौरान विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने अपने आरंभिक संबोधन में कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों के लिए यह वर्ष अभूतपूर्व रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दिसंबर में लागू किए गए आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के सुखद परिणाम इस वर्ष सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय समुदाय के लाखों लोग और एक लाख से अधिक भारतीय छात्र दोनों देशों के संबंधों में जीवंत सेतु का काम कर रहे हैं।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंध तेज़ी से बढ़े हैं और संपूर्ण क्षेत्र पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि कई और भी देश भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को इस क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा का प्रमुख कारण मानते हैं। उन्होंने इसका भी उल्लेख किया कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिए क्वाड समूह में भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी लाभकर रही है। बाद में डॉ. जयशंकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में खुल कर सार्थक बातचीत के लिए ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि बातचीत में व्यापक रणनीतिक साझेदारी और विशेष रूप से रक्षा, सुरक्षा और समुद्री क्षेत्रों में बढ़ते सहयोग पर चर्चा हुई।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया और यूक्रेन के घटनाक्रमों पर दृष्टिकोण साझा किए। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा करने में योगदान पर बातचीत की। डॉ. जयशंकर ने कहा कि दोनों देश तीसरे देशों में साथ मिलकर काम करने की संभावनाएं तलाशेंगे और दोनों देशों के बीच 14वीं विदेश मंत्रिस्तरीय वार्ता आज होगी।