केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि आसियान देशों द्वारा साझा किए गए मूल्यों का उद्देश्य आसियान-भारत के युवा संपर्क को बढाना है। प्राचीन काल से साझा किए गए मूल्यों और आदर्शों में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संपर्क शामिल हैं। ये संपर्क बौद्ध विरासत, हिन्दू महाकाव्य रामायण और महाभारत के साझा विषय, संस्कृत और तमिल भाषा की जड़ों तथा मॉनसून पर सहजीवी निर्भरता से संबंधित है।
जी किशन रेड्डी ने कल शाम हैदराबाद में चौथे आसियान-भारत युवा सम्मेलन की शुरूआत की। इस चार दिन के शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत फाउंडेशन के सहयोग से विदेश मंत्रालय द्वारा किया गया है। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपीन्स, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, ब्रूनेई, म्यांमा और थाईलैंड के सौ से अधिक प्रतिनिधि और भारत के लगभग 60 प्रतिनिधि इस शिखर सम्मेलन में भागीदारी कर रहे हैं।
जी किशन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक्ट ईस्ट नीति को लेकर कहा कि यह नीति समेकित संपर्क को सशक्त करने के लिए तीन सी- कॉमर्स, कनेक्टिविटी और कल्चर पर केन्द्रित है। उन्होंने इसके सभी आयामों में आसियान के साथ समग्र संपर्क के लिए युवाओं को प्रयास करने का आह्वान किया। हाल ही में घोषित भारत-आसियान डिजिटल कार्य योजना-2023 को याद करते हुए जी किशन रेड्डी ने देशों के संपर्क को और मजबूत करने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स तथा फाइव जी प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों में क्षमता-वर्धन और जानकारी को साझा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए आसियान के महासचिव काओ किम हुम ने वैश्विक शांति को प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अनुकूल परिवर्तन लाने में युवाओं की एक बडी भूमिका के महत्व पर बल दिया।