उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को निवेश और अवसरों के लिहाज से एक उत्तम स्थल बताया है तथा 2023 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर, वैश्विक दर से दोगुना रहने का अनुमान व्यक्त किया है। उपराष्ट्रपति आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे में राष्ट्र निमार्ण में युवाओं की भूमिका विषय पर व्याख्यान दे रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व बैंक ने भी माना है कि भारत ने सिर्फ 6 वर्षों में वित्तीय समावेशन का लक्ष्य हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की नीतियों और प्रयासों तथा उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के कारण हुआ है। उपराष्ट्रपति ने बताया कि 2022 में यूपीआई के जरिए डेढ ट्रिलियन डॉलर का लेन-देन हुआ जो वैश्विक डिजिटल लेन-देन का 46 प्रतिशत है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि 6 हजार करोड़ रूपये से अधिक के वित्तीय परिव्यय के साथ राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को स्वीकृति दी गई। उन्होंने कहा कि यह मिशन स्थापित करने वाला भारत विश्व का केवल सातवां देश है। उन्होंने कहा कि क्वांटम प्रौद्योगिकी से उच्च गति वाले क्प्यूटिंग पावर, त्वरित और सुरक्षित संचार क्षमता तथा उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुलभ हो सकेगा। इसके 2030 तक हमारी अर्थव्यवस्था में तीन सौ अरब डॉलर का योगदान करने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ विश्व के लिए इस वर्ष ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया। इससे एक सौ 25 गीगा वॉट का अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन होने की आशा है। सात ही इससे 6 लाख नौकरियां और आठ लाख करोड़ रूपये से अधिक का निवेश भी होगा। उपराष्ट्रपति ने आईआईटी बॉम्बे के विद्यार्थियों और शिक्षकों से भी बातचीत की।