Places to visit in Amritsar (अमृतसर में घूमने की जगह)

Sri Harmandir Sahib  (Golden Temple)

श्री हरिमन्दिर साहिब सिख धर्मावलंबियों का सबसे पावन धार्मिक स्थल या सबसे प्रमुख गुरुद्वारा है जिसे दरबार साहिब या स्वर्ण मन्दिर भी कहा जाता है।

Jallianwala Bagh

जलियाँवाला बाग अमृतसर के स्वर्ण मन्दिर के पास का एक छोटा सा बगीचा है जहाँ 13 अप्रैल 1919 को ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड एडवर्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेज़ी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शान्त बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था और हजारों लोगों को घायल कर दिया था।

The Partition Museum

विभाजन संग्रहालय संग्रहालय का लक्ष्य विभाजन के बाद के दंगों से संबंधित कहानियों, सामग्रियों और दस्तावेजों का केंद्रीय भंडार बनना है, जो ब्रिटिश भारत के दो स्वतंत्र प्रभुत्वों: भारत और पाकिस्तान में विभाजन के बाद हुए थे।

सरोवर के मध्य स्थित श्री दुर्गियाना मंदिर उत्तर भारत के पंजाब प्रांत के पवित्र शहर अमृतसर में हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण और विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना और मन्नत मांगने आते हैं।

Shri Durgiana Temple

गोबिंदगढ़ किला एक ऐतिहासिक सैन्य किला हैं भारतीय राज्य पंजाब के अमृतसर शहर के बीच में स्थित है। इस किले का निर्माण इस्वी सन १७०० की सदी अथवा इअससे भी पूर्व हुआ था।

Gobindgarh Fort

Ram Tirath Temple

भगवान वाल्मीकि तीर्थस्थान, वाल्मीकि को समर्पित, अमृतसर से 11 किमी पश्चिम में अमृतसर लोपोके रोड पर स्थित है। क्षेत्रीय परंपरा के अनुसार, मंदिर महाकाव्य रामायण की घटनाओं के समय का है, जिसे ऋषि के आश्रम के स्थान के रूप में पहचाना जाता है।

Maharaja Ranjit Singh Panorama

महाराजा रणजीत सिंह पैनोरमा महाराजा रणजीत सिंह का एक स्थायी दृश्य दस्तावेज है और इसकी संकल्पना और स्थापना राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा की गई है, जो भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय का एक स्वायत्त संगठन है।

Central Sikh Museum

केंद्रीय सिख संग्रहालय की स्थापना 1958 में अमृतसर में की गई थी। केंद्रीय सिख संग्रहालय में सिख गुरुओं, संतों, सिख योद्धाओं और अन्य प्रमुख सिख नेताओं की पेंटिंग प्रदर्शित की गई हैं जिन्होंने सिख धर्म के संवर्धन में योगदान दिया है। इसमें सिक्कों, पुराने हथियारों और प्राचीन पांडुलिपियों का समृद्ध संग्रह है।

अटारी-वाघा सीमा पर ध्वजारोहण समारोह एक दैनिक समारोह है जिसे भारत और पाकिस्तान की सुरक्षा बलों द्वारा 1959 से संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

Attari–Wagah Border Ceremony