आज विश्व टेलीविजन दिवस है। यह दिन दृश्य माध्यम के महत्व को उजागर करने और निर्णय लेने पर इसके बढ़ते प्रभाव तथा वैश्विक बातचीत को आकार देने में संभावित भूमिका को पहचानने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय है सुगम्यता।
संयुक्त राष्ट्र ने 1996 में पहली बार विश्व टेलीविजन फोरम का आयोजन किया था और उसके बाद हर वर्ष 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। टेलीविजन का आविष्कार 1924 में स्कॉटलैंड के एक इंजीनियर जॉन लोगी बेयर्ड ने किया था। भारत में टेलीविजन की शुरूआत 15 सितंबर, 1959 को यूनेस्को की सहायता से नई दिल्ली में की गई थी।
1965 में आकाशवाणी के एक भाग के रूप में इसका दैनिक प्रसारण शुरू हुआ था। टेलीविजन के आविष्कार ने हमारे संचार और सूचना उपभोग के तरीके में क्रांति लाने का काम किया। इस दिन संचार और वैश्वीकरण में टेलीविजन की भूमिका के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्थानीय और वैश्विक स्तर पर सभाएं आयोजित की जाती हैं।
आज के समय में जब सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सामग्री की प्रामाणिकता संदेहास्पद लगती है, ऐसे में यह दिन सरकारों, समाचार संगठनों और व्यक्तियों द्वारा निष्पक्ष जानकारी देने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।