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Union Minister Dr. Jitendra Singh inaugurated the preview event of Emerging Science, Technology and Innovation Conclave (ESTIC-2025)
भारत

केन्‍द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC-2025) के पूर्वावलोकन कार्यक्रम का शुभारंभ किया

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री; पीएमओ; कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन; परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज भारत मंडपम में 3 से 5 नवंबर, 2025 तक इमेजिंन इनोवेट इस्‍पायर फॉर विकसित भारत 2047 विषय पर आयोजित इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ईएसटीआईसी-2025) के पूर्वावलोकन कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने देश के पहले एकीकृत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंच के रूप में ईएसटीआईसी की संकल्पना के लिए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और वैज्ञानिक मंत्रालयों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों में, दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने तक भारत की यात्रा, प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में निरंतर राजनीतिक दूरदर्शिता और नेतृत्व द्वारा समर्थित, निर्णायक तकनीकी और नवाचार-संचालित प्रयासों द्वारा संचालित रही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह सम्मेलन उभरती और अग्रणी प्रौद्योगिकियों – सेमीकंडक्टर, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा जैसे ग्यारह चिन्हित विषयगत क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह सम्मेलन युवा नवप्रवर्तकों, स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं को नवीन समाधान प्रदर्शित करने, मार्गदर्शन प्राप्त करने और उद्योग एवं हितधारकों के साथ जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करेगा और देश के जनसांख्यिकीय लाभांश को एक नवप्रवर्तन लाभांश बनाने में मदद करेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेटेंट क्षेत्र में भारत की प्रतिभा को विश्व भर में स्वीकार किया गया है। पेटेंट दाखिल करने में भारत छठे स्थान पर है, प्रकाशन में चौथे स्थान पर है, लेकिन वर्ष 2029 तक भारत के संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे निकल जाने की उम्मीद है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ईएसटीआईसी-2025 विभिन्न हितधारकों के सहयोग और विचारों को साझा करने का एक मंच है – जो शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के दिग्‍गजों और उद्यमियों को एकजुट करेगा ताकि विकसित भारत 2047 के लिए भारत के वैज्ञानिक रोडमैप को आकार दिया जा सके। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह मंच युवा नवप्रवर्तकों को मार्गदर्शकों से जुड़ने, अपने विचारों को प्रदर्शित करने और वैश्विक ज्ञान शक्ति के रूप में भारत के उदय में योगदान देने के लिए अगली पीढ़ी की मानव प्रतिभा की खोज करने का अवसर प्रदान करेगा।

डॉ. सिंह ने एआई, स्वच्छ ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, क्वांटम विज्ञान, अंतरिक्ष और परमाणु प्रौद्योगिकियों सहित उभरती प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित 11 विषयगत सत्रों के आयोजन के लिए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की टीम की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल विज्ञान और नवाचार में एक अनुयायी से अग्रणी राष्ट्र बनने की भारत की महत्‍वपूर्ण उपलब्धि का प्रतीक है।

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, डॉ. अजय कुमार सूद ने कहा कि ईएसटीआईसी-2025, विविध समुदाय के सदस्यों और हितधारकों के साथ, 13 सहभागी मंत्रालयों और विभागों के बीच सहयोग के एक नए युग का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे शोधकर्ता, उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार एक मंच पर आएंगे। उन्होंने इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री के नवाचार-संचालित और समावेशी विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप, विकसित भारत के लिए परिवर्तन, छवि और नवाचार को प्रेरित करने का एक उत्कृष्ट अवसर बताया। डॉ. सूद ने कहा कि यह सम्मेलन संवाद, ज्ञान के आदान-प्रदान और कार्यान्वयन के लिए एक गतिशील मंच के रूप में कार्य करेगा, जिसमें वैश्विक विशेषज्ञ, नोबेल पुरस्कार विजेता और युवा शोधकर्ता आदि शामिल होंगे।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि ईएसटीआईसी-2025 में 11 विषयगत सत्रों और उच्च-स्तरीय पैनल के माध्यम से, नवाचार को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़कर विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, ऊर्जा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, पर्यावरण मंत्रालयों के साथ, नवाचार अब केवल प्रयोगशालाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय विकास के हर क्षेत्र में समाहित है। प्रो. करंदीकर ने कहा कि यह सम्‍मेलन विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करने, आर्थिक विकास को गति देने और विकसित भारत 2047 की दिशा में समग्र प्रगति में योगदान सुनिश्चित करता है।

इस उद्घाटन समारोह में 13 मंत्रालयों और विभागों के सचिवों, वैज्ञानिक समुदायों के सदस्यों तथा अनुसंधान संस्थानों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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