बांग्लादेश में आरक्षण सुधार आंदोलन ने आरक्षण व्यवस्था में सुधार की अपनी मांग पर जोर देने के लिए पूरे देश में बंद का आह्वान किया
बांग्लादेश में आरक्षण सुधार आन्दोलन की समन्वय समिति ने आज आरक्षण व्यवस्था में सुधार की अपनी मांग और छात्र प्रदर्शनकारियों पर हुए हमले के विरोध में बंद का आह्वान किया है। विश्वविद्यालयों के छात्र और शिक्षक पहली जुलाई से सरकारी नौकरियों में आरक्षण सुधार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को देशभर में रोजगार में आरक्षण के विरूद्ध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और सत्तारूढ पार्टी से संबंधित छात्र संगठनों के बीच हुई झडप में छह विद्यार्थियों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे।
समन्वय समिति ने अस्पताल और अन्य आपातकालीन सेवाओं को छोडकर बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की है।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए देश भर में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश की 229 टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं। आज सुबह ढाका में हुई झड़पों में एक युवक की मौत हो गई। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में हुई घटनाओं की न्यायिक जाँच की घोषणा की है, जिसमें चल रहे आंदोलन के दौरान छह लोगों की जान चली गई। संयुक्त राष्ट्र ने भी सरकार से किसी भी तरह की धमकी या हिंसा से प्रदर्शनकारी छात्रों की रक्षा करने का आग्रह किया है। छात्रों की सुरक्षा के लिए सभी स्कूल, सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालय और अन्य संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे।
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में भारतीय समुदाय और विद्यार्थियों से यात्रा से बचने और अपने घरों में रहने को कहा है। बांग्लादेश में जारी घटनाक्रम को देखते हुए ढाका में भारतीय उच्चायोग ने परामर्श में लोगों से कहा है कि किसी भी आपात स्थिति और सहायता के लिए उच्चायोग तथा सहायक उच्चायोग के आपातकालीन नम्बर पर सम्पर्क किया जा सकता है। ढाका उच्चायोग का आपातकालीन नम्बर है- +8 8 0- 1 9 3 7 4 0 0 5 9 1.