भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) 2024 में फिल्म बाजार के व्यूइंग रूम में 208 फिल्में दिखाई जाएंगी
गोवा में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित किए जा रहे 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में राज्य के सांस्कृतिक परिदृश्य पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही, 18वां फिल्म बाजार भी 20 से 24 नवंबर तक चलेगा, जो फिल्म निर्माताओं और फिल्म उद्योग के पेशेवरों को आपस में जुड़ने, सहयोग करने और अपनी कला प्रदर्शित करने के लिए व्यापक मंच प्रदान करेगा।
इस साल, व्यूइंग रूम मैरियट रिज़ॉर्ट में आ गया है, जिसमें भारत और दक्षिण एशिया की बेहतरीन गुणवत्ता वाली फ़िल्मों की एक समृद्ध श्रृंखला है। फिल्मों के वितरण और उन्हें फाइनेंस करने की तलाश कर रहे फ़िल्म निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में डिज़ाइन किया गया, व्यूइंग रूम उन फ़िल्मों को प्रदर्शित करेगा, जो पूरी हो चुकी हैं या बनने के अंतिम चरण में हैं। इससे वैश्विक स्तर पर फ़िल्म प्रोग्रामर, वितरक, बिक्री एजेंट और निवेशकों को आपस में जुड़ने का मौक़ा मिलेगा। व्यूइंग रूम 21 से 24 नवंबर तक उपलब्ध रहेगा।
इस साल की व्यूइंग रूम लाइब्रेरी में 208 फिल्में देखने के लिए उपलब्ध होंगी , जिनमें से 145 फ़ीचर फ़िल्में, 23 मध्यम अवधि की फ़िल्में और 30 लघु फ़िल्में हैं। फ़ीचर और मध्यम लंबाई की फिल्मों की कुल सूची में एनएफडीसी द्वारा निर्मित और सह-निर्मित बारह फ़िल्में भी शामिल हैं, और एनएफडीसी-एनएफएआई के सहयोग से बनी 10 पुनः निर्मित (रिस्टॉर्ड) क्लासिक फ़िल्में भी शामिल हैं। व्यूइंग रूम में जमा की गई 30-70 मिनट अवधि वाली फिल्मों को मध्यम लंबाई वाली फ़िल्म श्रेणी में दिखाया जाता है और 30 मिनट से कम अवधि वाली फ़िल्में लघु फ़िल्म श्रेणी में होंगी।
फिल्म बाज़ार की अनुशंसाएं (एफबीआर)
फिल्म बाजार अनुशंसा (एफबीआर) सूची में 27 फिल्म प्रोजेक्ट्स को शामिल किया गया है, जिनमें 19 फीचर फिल्में, मध्यम अवधि की 3 फिल्में, 2 लघु फिल्में और 3 पुनः निर्मित क्लासिक फिल्में शामिल हैं।
एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक पृथुल कुमार का कहना है, “हम एफबीआर के लिए चयन की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं, जो फिल्म निर्माताओं की रचनात्मकता और जुनून को दर्शाता है। यह पहल केवल फिल्मों को मान्यता देने के बारे में नहीं है, बल्कि कहानीकारों को उनके दृष्टिकोण से दुनिया को जानकारी साझा करने के लिए सशक्त बनाने के बारे में है। हम फिल्म की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास करते हैं और अगली पीढ़ी के कलाकारों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि वे अपने अभिनय और शैली से दर्शकों को प्रेरित और उनका मनोरंजन करते हैं।”
एफबीआर से चयनित फिल्म प्रोजेक्ट्स को फिल्म बाज़ार में एक खुले सत्र के दौरान निर्माताओं, बिक्री एजेंटों, वितरकों, फिल्म महोत्सव से जुड़े लोगों और संभावित निवेशकों सहित फिल्म उद्योग के पेशेवरों के समक्ष अपनी फिल्में पेश करने का मौका मिलेगा। व्यूइंग रूम से फ़ीचर, मध्यम और लघु अवधि की फिल्में बनाने वाले निर्माता, फ़िल्म बाज़ार के दौरान एक खुले सत्र में बिक्री एजेंटों, वितरकों और संभावित निवेशकों के सामने अपनी फ़िल्मों का प्रदर्शन करेंगे।
फिल्म बाज़ार के बारे में
फिल्म बाज़ार एक खुला मंच है, जिसका उद्देश्य दक्षिण एशियाई फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाजार में बढ़ावा देना है। फिल्म बाज़ार में व्यूइंग रूम एक सशुल्क मंच (पेड प्लेटफॉर्म) है, जहां फिल्म निर्माता एक निश्चित धनराशि का भुगतान कर व्यक्तिगत रूप से अपनी फिल्मों का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों, विश्व बिक्री एजेंटों और खरीदारों के सामने प्रचार करते हैं।
व्यूइंग रूम एक ऐसा सीमित प्रतिबंधित क्षेत्र है, जो विक्रेताओं (फिल्म निर्माताओं) को दुनिया भर के खरीदारों (फिल्म प्रोग्रामर, वितरक, विश्व बिक्री एजेंट और निवेशक) से जोड़ता है। ‘खरीदारों’ की क्षमता का निर्धारण फिल्म बाज़ार की टीम उनकी प्रोफाइल के आधार पर करती है। ये खरीदार विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए व्यूइंग रूम सॉफ़्टवेयर के माध्यम से फिल्मों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ फिल्म निर्माताओं से संपर्क करने में सक्षम होंगे।