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Commerce & Industry Minister launches “India@100 Envisioning Tomorrow’s Economic Superpower”
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने “भारत@100: कल की आर्थिक महाशक्ति की कल्पना” का शुभारंभ किया

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां एक बातचीत के दौरान उम्मीद जताई कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण, घरेलू नौवहन को बढ़ावा देने तथा तिलहन, रबर और दालों के आयात में कमी लाने के सरकारी प्रयासों से डॉलर के मुकाबले रुपये को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री एसोचैम द्वारा पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यन द्वारा लिखित पुस्तक “भारत@100: एनविजनिंग टुमॉरोज इकनॉमिक पावरहाउस” (कल की आर्थिक महाशक्ति की कल्पना) के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। पुस्तक में वी सुब्रमण्यन ने भविष्यवाणी की है कि यदि देश 8 प्रतिशत वार्षिक विकास दर बनाए रखता है तो भारत 2047 तक 55 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।

इस अवसर पर बोलते हुए, पीयूष गोयल ने कहा कि एक स्थिर अर्थव्यवस्था के सहारे भारत दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा। केंद्र के अगले पांच वर्षों में पिरामिड के निचले हिस्से में रहने वाले अंतिम व्यक्ति के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने की बात करते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार तेल अर्थव्यवस्था को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी से बदलने और विनिर्माण में गुणवत्ता को आधार बनाने के प्रयासों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा रक्षा, पारदर्शिता और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता, मजबूत मुद्रा और व्यापक आर्थिक बुनियादी बातों जैसे उठाए गए कदमों से भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए प्रेरित करेंगी।

चीन के तीव्र विकास के बारे में बोलते हुए, पीयूष गोयल ने कहा कि भारत आज उसी सुखद स्थिति में है, जिस स्थिति में चीन 2000-2020 के बीच था, जब उन्होंने स्थिर अर्थव्यवस्था और कम मुद्रास्फीति के आधार पर 8 प्रतिशत की वृद्धि की थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारी राजनीतिक और सामाजिक समस्याएं अंततः कम हो जाएंगी, हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी और हम चीन की विकास कहानी को दोहरा सकते हैं।”

नैतिक धन सृजन और निजी निवेश की आवश्यकता पर बोलते हुए, पीयूष गोयल ने निजी क्षेत्र और व्यवसायों में धन सृजनकर्ताओं के योगदान को मान्यता देने के लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता की सराहना की।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी रोजगार सृजन में उनकी भूमिका और नागरिकों को सामान और सेवाएं प्रदान करने के लिए धन सृजनकर्ताओं को महत्व देते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि सीआईआई बजट के बाद हुए सम्मेलन में प्रधानमंत्री के भाषण ने भारत की विकास कहानी में विनिर्माण के महत्व और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए स्थिर नीतियों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

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