भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बृहस्पतिवार को पेश चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
- प्रमुख नीतिगत दर रेपो नौंवी बार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार।
- मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने और वृद्धि को समर्थन देने के लिए उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित रखना।
- वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार।
- चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान भी 4.5 प्रतिशत पर बरकरार।
- वैश्विक आर्थिक परिदृश्य जुझारू बना हुआ है, हालांकि रफ्तार में कुछ नरमी है।
- घरेलू आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार कायम।
- चालू खाते का घाटा प्रबंध के दायरे में।
- विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 675 अरब अमेरिकी डॉलर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर।
- वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक भारतीय रुपया काफी हद तक सीमित दायरे में रहा।
- भारतीय वित्तीय प्रणाली जुझारू बनी हुई है, मजबूती हासिल कर रही है।
- आरबीआई अनधिकृत कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए डिजिटल ऋण देने वाले ऐप का आंकड़ा सार्वजनिक रूप से एकत्रित करेगा।
- यूपीआई के माध्यम से कर भुगतान की सीमा को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव।
- चेक समाशोधन अब सिर्फ कुछ घंटों में करने का प्रस्ताव।
- एमपीसी की अगली बैठक सात से नौ अक्टूबर को।