भारत और पोलैंड ने द्विपक्षीय संबंधों को कार्यनीतिक संबंधों में बदलने का निर्णय किया
भारत और पोलैंड ने द्विपक्षीय संबंधों को कार्यनीतिक संबंधों में बदलने का निर्णय किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने वॉरसा में पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के बाद जारी प्रेस व्यक्त में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दोनों देश कूटनीतिक संबंधों की 70वीं वर्षगठ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और पोलैंड के संबंध लोकतंत्र और कानून के शासन के साझा मूल्यों पर आधारित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत और पोलैंड के संबंधों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि 45 वर्ष के बाद पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैड की यात्रा की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टस्क लम्बे समय से भारत के मित्र हैं और उन्होंने दोनों देशों के संबंध बढाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोग, 2022 में यूक्रेन संघर्ष के दौरान भारतीय विद्यार्थियों को सुरक्षित बाहर निकालने में पोलैंड की सहायता को कभी नहीं भूल सकते।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और पोलैंड अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घनिष्ठ सहयोग करने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में सुधार की आवश्यकता महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए ये सुधार समय की आवश्यकता हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड की कंपनियों को आमंत्रित किया कि वे भारत के मेक इन इंडिया कार्यक्रम में निवेश करें और विश्व के लिए विनिर्माण करें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पोलैंड जनवरी 2025 में यूरोपीय संघ की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पोलैंड की सहायता से भारत और यूरोपीय संघ के संबंधों में इजाफा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कहा कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का दृढ विश्वास है कि युद्ध से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि किसी संकट के दौरान निर्दोष लोगों का मारा जाना समूची मानवता के लिए सबसे बडी चुनौती है। उन्होंने कहा कि भारत शांति और स्थिरता शीघ्र बहाल करने के लिए बातचीत और कूटनीति का समर्थन करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसके लिए भारत अपने मित्र देशों के साथ हरसंभव सहायता करने को तैयार है।
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि भौगोलिक दूरी, भिन्न परम्पराओं और इतिहास के बावजूद दोनों देश एक दूसरे को भली-भांति समझते है। प्रधानमंत्री टस्क ने कहा कि समूचा विश्व भारत की सराहना करता है क्योंकि भारत में लोकतांत्रिक सरकार है।
इससे पहले वारसॉ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रस्मी तौर पर स्वागत किया गया। इस अवसर पर पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनॉल्ड टस्क भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने अज्ञात सैनिक की समाधि पर पुष्पचक्र अर्पित किया। अज्ञात सैनिक का मकबरा उन अज्ञात सैनिकों को समर्पित स्मारक है जिन्होंने पोलैंड के लिए अपना जीवन बलिदान किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड के राष्ट्रपति आन्द्रेज डूडा से भी भेंट की। वे पोलैंड के व्यापार प्रतिनिधियों और प्रभावशाली लोगों से भी मिलेंगे।
दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री कल यूक्रेन पहुंचेंगे। वे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलादिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं। 1992 में यूक्रेन के साथ आपसी संबंध शुरू होने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की यह पहली यात्रा है।