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Government removed the floor price on Basmati rice
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सरकार ने बासमती चावल पर से न्यूनतम मूल्य (फ्लोर प्राइस) हटाया

भारत के प्रमुख जीआई किस्म के चावल, बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम में, भारत सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर से न्यूनतम मूल्य (फ्लोर प्राइस) हटाने का निर्णय लिया है।

वर्तमान में जारी व्यापार संबंधी चिंताओं और चावल की पर्याप्त घरेलू उपलब्धता को ध्यान रखते हुए, भारत सरकार ने अब बासमती चावल के निर्यात पर से न्यूनतम मूल्य (फ्लोर प्राइस) को पूरी तरह से हटाने का फैसला किया है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) बासमती चावल के किसी भी गैर-यथार्थवादी मूल्य निर्धारण को रोकने और निर्यात से जुड़ी कार्यप्रणालियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु निर्यात अनुबंधों की बारीकी से निगरानी करेगा।

पृष्ठभूमि के रूप में, चावल की बेहद कम घरेलू आपूर्ति की स्थिति के कारण चावल की बढ़ती घरेलू कीमतों के जवाब में और गैर-बासमती सफेद चावल पर निर्यात प्रतिबंध के कारण, निर्यात के दौरान गैर-बासमती चावल को बासमती चावल के तौर पर रखने से संबंधित किसी भी संभावित गलत वर्गीकरण को रोकने के लिए एक अस्थायी उपाय के रूप में अगस्त 2023 में 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन (एमटी) का एक न्यूनतम मूल्य (फ्लोर प्राइस) पेश किया गया था। विभिन्न व्यापार निकायों एवं हितधारकों के अनुरोधों के बाद, सरकार ने अक्टूबर, 2023 में न्यूनतम मूल्य (फ्लोर प्राइस) को तर्कसंगत बनाकर 950 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन कर दिया था।

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