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Prices of tur and urad have fallen by about 10 per cent; the current sowing area of ​​kharif pulses is more than 7 per cent compared to last year
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तुअर और उड़द की कीमतों में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट; खरीफ दालों का मौजूदा बुवाई क्षेत्र पिछले साल की तुलना में 7 प्रतिशत से अधिक

उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव निधि खरे ने आज रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) और प्रमुख संगठित खुदरा श्रृंखलाओं के साथ बैठक की अध्यक्षता की और प्रमुख दालों की कीमतों के परिदृश्य और रुझानों पर चर्चा की। यह बैठक त्यौहारी सीजन को देखते हुए समय पर और महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि इस साल खरीफ दालों की बेहतर उपलब्धता और अधिक बुवाई क्षेत्र की वजह से हाल के महीनों में अधिकांश दालों की मंडी कीमतों में गिरावट का रुख रहा है।

उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव ने बताया कि पिछले तीन महीनों के दौरान प्रमुख मंडियों में तुअर और उड़द की कीमतों में औसतन लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा कीमतों में ऐसी कोई गिरावट नहीं देखी गई है। चना के मामले में, पिछले एक महीने में मंडी कीमतों में गिरावट देखी गई है, लेकिन खुदरा कीमतों में वृद्धि जारी है। उन्होंने बताया कि थोक मंडी कीमतों और खुदरा कीमतों के बीच अलग-अलग रुझान खुदरा विक्रेताओं द्वारा बाजार से निकाले जा रहे अनुचित मार्जिन का संकेत देते हैं। इन रुझानों पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है और अगर यह अंतर बढ़ता हुआ पाया जाता है तो आवश्यक उपाय शुरू करने होंगे।

इस बैठक में आरएआई के अधिकारियों और रिलायंस रिटेल लिमिटेड, विशाल मार्ट, डी मार्ट, स्पेंसर और मोर रिटेल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव ने उपलब्धता की स्थिति के संबंध में बताया कि खरीफ उड़द और मूंग की आवक बाजारों में शुरू हो गई है, जबकि पूर्वी अफ्रीकी देशों और म्यांमार से तुअर और उड़द का आयात घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए लगातार आ रहा है। घरेलू उपलब्धता की सहज स्थिति इस तथ्य से भी स्पष्ट होती है कि उपभोक्ता मामलों के विभाग के स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल में बड़े-चेन खुदरा विक्रेताओं की ओर से घोषित दालों के स्टॉक की मात्रा हर हफ्ते बढ़ रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष खरीफ दलहनों की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष से 7 प्रतिशत अधिक है तथा फसल की स्थिति अच्छी है। रबी की बुवाई की तैयारी में, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने दलहनों में उत्पादन बढ़ाने तथा आत्मनिर्भरता पाने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रमुख उत्पादक राज्य को फोकस योजनाएं सौंपी हैं। आगामी रबी सीजन में किसानों के पंजीकरण तथा किसानों के बीच बीज वितरण में नैफेड और एनसीसीएफ शामिल होंगे, जैसा कि इस वर्ष खरीफ बुवाई सीजन में किया गया था।

मौजूदा उपलब्धता की स्थिति तथा मंडी कीमतों में नरमी को देखते हुए, सचिव ने खुदरा उद्योग से कहा कि वे दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने के सरकार के प्रयासों में हर संभव सहायता प्रदान करें। इस संबंध में, उन्होंने संगठित खुदरा शृंखलाओं को भारतीय दालों, विशेषकर भारतीय मसूर दाल तथा भारतीय मूंग दाल के वितरण में एनसीसीएफ तथा नैफेड के साथ समन्वय करने के लिए आमंत्रित किया, ताकि उपभोक्ताओं के बीच भारतीय दालों की पहुंच को बढ़ाया जा सके।

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