insamachar

आज की ताजा खबर

Union Minister Jayant Chaudhary felicitated the winners of World Skills 2024
भारत

केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने वर्ल्ड स्किल्स 2024 के विजेताओं को सम्मानित किया

कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने आज वर्ल्ड स्किल्स 2024 प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया। यह प्रतियोगिता हाल ही में फ्रांस के ल्योन में आयोजित की गयी थी।

इस अवसर पर जयंत चौधरी ने कहा, “वर्ल्ड स्किल्स ल्योन 2024 में भाग लेने वाली टीम इंडिया के पदक और उत्कृष्टता पदक विजेताओं के साथ बातचीत करना खुशी की बात है। उन्होंने शानदार आत्मविश्वास दिखाया है और देश के लिए प्रेरणादायक प्रतीक बन गए हैं। ल्योन में भारत का प्रदर्शन, जिसमें चार कांस्य पदक सहित 16 पुरस्कार शामिल हैं, दुनिया की कौशल राजधानी बनने के हमारे लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चूंकि उद्योग जगत एक कुशल कार्यबल की मांग करता है, इसलिए कौशल मानकीकरण के बारे में चर्चा जोर पकड़ रही है। अब हमारे पास एक ऐसी टीम है, जिसने ल्योन में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और कुछ सबसे कठिन वैश्विक मानकों को पार किया है।

मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी उपलब्धियां, न केवल उनके समर्पण को दर्शाती हैं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के कौशल इकोसिस्टम की मजबूती को भी रेखांकित करतीं हैं। ये उपलब्धियां, पारंपरिक शिल्प और उभरते उद्योग, दोनों में हमारी बढ़ती विशेषज्ञता को रेखांकित करती हैं तथा भारत को प्रमुख क्षेत्रों में विश्व के उभरते अग्रणी देश के रूप में स्थापित करती हैं।

जयंत चौधरी ने आठ पैरालिंपिक विजेताओं; प्रवीण कुमार (एथलेटिक्स), अजीत सिंह यादव (एथलेटिक्स), शरद कुमार (एथलेटिक्स), प्रणव सूरमा (एथलेटिक्स), सिमरन शर्मा (एथलेटिक्स), रुबीना फ्रांसिस (निशानेबाजी), राकेश कुमार (तीरंदाजी) और प्रीति पाल (एथलेटिक्स) को भी सम्मानित किया, जो वर्ल्डस्किल विजेताओं के सम्मान समारोह में उपस्थित थे। प्रीति पाल एनएसडीसी की ब्रांड एंबेसडर हैं, जिन्होंने पेरिस, 2024 खेलों में महिलाओं की 100 मीटर टी35 दौड़ में कांस्य जीता था और इस तरह पैरालिंपिक में भारत का पहला पैरा-एथलेटिक्स पदक हासिल करके इतिहास रच दिया था। अनुभवी पैरालिंपिक खिलाड़ी और पीसीआई (भारतीय पैरालिंपिक समिति) के अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

पेरिस 2024 के नौ पैरालिंपिक विजेताओं को सम्मानित करते हुए, जयंत चौधरी ने कहा, “कड़ी मेहनत चुनौतियों पर काबू पाने की कुंजी है। पेरिस 2024 में पैरालिंपिक टीम की असाधारण उपलब्धियाँ, जिन्होंने 29 पदक हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण बाधाओं को पार किया, इस भावना को मूर्त रूप प्रदान करती हैं।”

भारत ने फ्रांस के ल्योन में उल्लेखनीय सफलता हासिल की तथा पेस्ट्री और कन्फेक्शनरी, उद्योग 4.0, होटल रिसेप्शन और नवीकरणीय ऊर्जा स्पर्धाओं में चार कांस्य पदक जीते। विजेताओं में अश्विता पुलिस, ध्रुमिल कुमार, धीरेंद्र कुमार गांधी, सत्यजीत बालकृष्णन, जोथिर आदित्य कृष्णप्रिय रविकुमार और अमरेश कुमार साहू शामिल हैं। इन जीतों के अलावा, भारत ने विभिन्न विधाओं में देश के कौशल और नवाचार को प्रदर्शित करते हुए 12 उत्कृष्टता पदक अर्जित किए। 70 से अधिक देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, भारतीय दल की सफलता उनके प्रशिक्षण और मजबूत उद्योग समर्थन का प्रमाण है।

जयंत चौधरी ने वर्ल्ड स्किल्स के चार कांस्य पदक विजेताओं को 06 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया और उन्हें प्रशिक्षित करने वाले विशेषज्ञों को दो-दो लाख रुपये दिए। अन्य 12 पदक विजेताओं को दो लाख रुपये दिए गए और एक-एक लाख रुपये उद्योग विशेषज्ञों को दिए गए, जिन्होंने प्रतिभागियों को सबसे कठिन कौशल प्रतियोगिताओं में से एक का सामना करने के लिए प्रशिक्षित किया।

मंत्री ने आगे कहा, “मुझे ल्योन में वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता को प्रत्यक्ष रूप से देखने का सौभाग्य मिला और इस आयोजन की तीव्रता उल्लेखनीय थी। कौशल और प्रतिस्पर्धा का स्तर वास्तव में विश्व-स्तरीय था, जिसमें प्रत्येक चुनौती प्रतिभागियों की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा की परीक्षा ले रही थी। कठिन परिस्थितियों और उच्च मानकों के बावजूद, भारतीय टीम शांत व लक्ष्य के प्रति केंद्रित रही और टीम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। दबाव में उनके आत्मविश्वास और समर्पण ने हमें गर्व से भर दिया। यह उनके द्वारा प्राप्त असाधारण प्रशिक्षण और समर्थन का प्रमाण था और उनकी उपलब्धियां वैश्विक मंच पर प्रदर्शित उनकी कड़ी मेहनत और सुदृढ़ता को रेखांकित करती हैं।“

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और एनएसडीसी इंटरनेशनल (एनएसडीसीआई) के प्रबंध निदेशक वेद मणि तिवारी ने न केवल विजेताओं की सराहना की, बल्कि इस प्रयास के लिए उद्योग भागीदारों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “हम यहां वर्ल्डस्किल विजेताओं को सम्मानित करने के लिए एकत्र हुए हैं। भारत ने वैश्विक स्तर पर 13वां स्थान हासिल किया और 60 से अधिक कौशल स्पर्धाओं में से 52 में भाग लिया। सुजुकी, एक्साल्टा, एनटीटीएफ और एनएसडीसी की विभिन्न क्षेत्रीय कौशल परिषदों सहित उद्योग विशेषज्ञों ने श्रमिकों के प्रशिक्षण और उन्हें संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रमुख कौशल तथा उद्योग 4.0 और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में भारत का प्रदर्शन वैश्विक कौशल उत्कृष्टता में देश के बढ़ती अग्रणी भूमिका को रेखांकित करता है।”

मणि तिवारी ने आगे के कदमों के बारे में कहा, “भविष्य में हम प्रशिक्षण प्रक्रिया को और भी अधिक संरचना-आधारित तथा सुव्यवस्थित बनाकर वर्ल्डस्किल्स के प्रति अपने प्रयास को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे हमारे युवा भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे और उच्चतम स्तरों पर निरंतर प्रदर्शन के लिए सुसज्जित होंगे।”

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *