आज राष्ट्रीय दुग्ध दिवस है। यह दिवस देश में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीस कुरियन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस अवसर पर नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य-पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह पशुधन तथा डेयरी क्षेत्र के लिए गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान करेंगे।
देश में श्वेत क्रांति का उद्गम स्थल माने जाने वाले गुजरात में पिछले कुछ वर्षों में दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले 22 वर्षों में राज्य में दुग्ध उत्पादन में औसतन 10 दशमलव 23 प्रतिशत की दर से 119 लाख 63 हज़ार मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है।
भारत के कुल दूध उत्पादन में राज्य का योगदान 7.49 प्रतिशत है। केवल 6 सदस्य यूनियन और 49 करोड़ के टर्नओवर के साथ शुरू हुए अमूल फेडरेशन,की वर्तमान में गुजरात में 18 सदस्य संघ हैं जिनके माध्यम से, अमूल फेडरेशन द्वारा हर दिन राज्य भर से 3 करोड़ लीटर से अधिक दूध एकत्रित किया जाता और इससे विभिन्न उत्पाद तैयार किये जाते है, जो पूरे भारत और लगभग 50 विभिन्न देशों में बेचे जाते हैं। गुजरात सरकार का पाटन में “सेक्सड सीमेन प्रयोगशाला” स्थापित करने का निर्णय भी अच्छी गुणवत्ता वाले पशुधन को सुनिश्चित करने के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।