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number of digital life certificates for pensioners and senior citizens crossed the record one crore mark
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पेंशनभोगियों और बुजुर्गों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र का आंकड़ा रिकॉर्ड एक करोड़ के पार हुआ

पेंशनभोगियों और बुजुर्ग नागरिकों की सहूलियत के लिए शुरू किए गए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) ने वर्तमान में जारी अभियान “डीएलसी 3.0” में रिकॉर्ड एक करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है।

केंद्रीय कार्मिक/डीओपीटी/डीएआरपीजी के प्रभारी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि यह उपलब्धि बुजुर्ग नागरिकों के जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को साकार करेगी, जिसे उन्होंने पिछले रविवार को “मन की बात” कार्यक्रम में व्यक्त किया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 नवम्बर 2024 को मन की बात के 116वें एपिसोड में कहा था, “अब डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा मिलने से चीजें बहुत सरल हो गई हैं; बुजुर्गों को बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। बुजुर्गों को तकनीक की वजह से कोई परेशानी नहीं होती। बुजुर्ग तकनीक के प्रति जागरूक बन रहे हैं। ऐसे ही प्रयासों से आज डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र पाने वालों की संख्या 80 लाख को पार कर गई है। इनमें से 2 लाख से ज्यादा बुजुर्ग ऐसे हैं जिनकी उम्र 80 साल से भी ज्यादा हो गई है।”

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “डीएलसी अभियान 3.0 के सफल कार्यान्वयन के माध्यम से पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी के विजन को पूरा किया जा रहा है। पेंशन वितरण करने वाले बैंक, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, रक्षा लेखा महानियंत्रक, रेल मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, डाक विभाग, आईपीपीबी, यूआईडीएआई और पेंशनभोगी कल्याण संगठनों सहित सभी प्रमुख हितधारक पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए पूरी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय मीडिया केंद्र, नई दिल्ली से राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ किया। डीएलसी अभियान 3.0 को 1-30 नवंबर, 2024 तक भारत के 800 शहरों/कस्बों में आयोजित किया जा रहा है। 1-25 नवंबर, 2024 तक 800 शहरों/जिलों में 1984 शिविर आयोजित किए गए हैं, देश भर में 1.8 लाख डाकिए तैनात किए गए हैं।

26.11.2024 तक 100 लाख डी.एल.सी. तैयार हो चुके हैं, जिनमें से 30,34,218 डी.एल.सी. यानी 30% से अधिक डीएलसी फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से तैयार हुए हैं। डी.एल.सी. अभियान 3.0 के तहत फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से जमा डी.एल.सी. में 202 गुना वृद्धि हुई है। अभियान के भाग के रूप में, सभी हितधारकों की भागीदारी के साथ 5 विशाल शिविर आयोजित किए गए हैं, जिनमें से 3 दिल्ली में, 1 बेंगलुरु में और 1 का आयोजन हैदराबाद में हुआ।

शिविरों के दौरान पेंशनभोगियों और पेंशनभोगी कल्याण संगठनों ने बताया कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र का विकास पेंशनभोगियों, विशेषकर वृद्धों, विकलांगों और अस्पताल में भर्ती लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि भारत सरकार की हर पेंशनभोगी के लाभ के लिए डिजिटल टूल्स का उपयोग करने की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

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