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MoUs were also exchanged between Prime Minister Modi and Sri Lankan President Anura Kumara Dissanayake after bilateral talks in New Delhi
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प्रधानमंत्री मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के बीच नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता के बाद समझौता ज्ञापन का भी आदान-प्रदान किया

भारत और श्रीलंका ने आयकरों के सम्‍बंध में राजकोषीय और दोहरे कराधान वंचना को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच प्रोटोकॉल संशोधन समझौते का आदान-प्रदान किया। दोनों पक्षों ने श्रीलंका के सिविल सेवकों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के बारे में समझौता ज्ञापन का भी आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत दौरे पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के बीच नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता के बाद समझौतों का आदान-प्रदान किया गया। दोनों नेताओं ने आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की।

इस अवसर पर महो-अनुराधापुरा खंड में सिग्नलिंग परियोजना के लिए 14 करोड 90 लाख की अनुदान सहायता की घोषणा की गई। जाफना विश्वविद्यालय और पूर्वी विश्वविद्यालय से प्रत्येक वर्ष 100 नए विद्यार्थियों को उनके शैक्षणिक पाठ्यक्रम समाप्त होने तक वित्तीय सहायता योजना की भी घोषणा की गई। पिछले दशकों में बढ़े हुए राजनीतिक संपर्कों और द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए, दोनों नेताओं ने नेतृत्व और मंत्री स्तर पर राजनीतिक जुड़ाव को और तेज करने पर सहमति व्यक्त की।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि राष्ट्रपति के रूप में अनुरा कुमार दिसानायके ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा, संबंधों में नई गति और ऊर्जा पैदा कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने अब तक श्रीलंका को पांच अरब डॉलर की ऋण सहायता और अनुदान सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच सभ्‍यतागत संबंध हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पाली भाषा को भारत में शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया तो श्रीलंका में भी खुशी मनाई गयी। उन्होंने कहा कि मछुआरों की आजीविका से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई और इस बात पर सहमति बनी कि दोनों पक्षों को इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण से आगे बढ़ना चाहिए।

अनुरा कुमार दिसानायके ने अपने वक्तव्य में कहा कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया है कि वे, ऐसी स्थिति कभी उत्‍पन्‍न नहीं होने देंगे, जिससे भारत के हितों को श्रीलंका से किसी प्रकार का नुकसान हो। उन्होंने कहा कि भारत के साथ सहयोग निश्चित रूप से बढ़ेगा। अनुरा कुमार दिसानायके ने कहा कि उन्‍हें खुशी है कि वे श्रीलंका का राष्ट्रपति बनने के बाद पहली विदेश यात्रा पर भारत आए हैं। उन्होंने कहा कि इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढाने का मार्ग प्रशस्त किया है। अनुरा कुमार दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका ने दो साल पहले अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना किया था और भारत ने उस दलदल से बाहर निकलने में उसकी भरपूर सहायता की थी। उन्होंने कहा कि भारत ने उसके बाद भी खासकर कर्जमुक्त ढांचा प्रक्रिया में श्रीलंका की काफी मदद की है।

श्रीलंका के राष्‍ट्रपति का आज सवेरे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में रस्‍मी स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की।

श्रीलंका के राष्ट्रपति भारत की तीन दिन की यात्रा पर कल नई दिल्ली पहुंचे थे। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ० एल मुरुगन ने उनकी अगवानी की। वह बिहार के बोधगया भी जाएंगे।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग और मजबूत होने की आशा है। अनुरा कुमार दिसानायके भारत और श्रीलंका के बीच निवेश और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में एक व्यापारिक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को बताया कि श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने पद संभालने के बाद भारत को अपना पहला विदेशी गंतव्य चुना है। यह दर्शाता है कि श्रीलंका भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को कितना महत्व देता है। विक्रम मिस्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि श्रीलंका भारत का सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी भी है और भारत की पड़ोसी पहले की नीति और भारत के विजन-सागर का अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने बार-बार यह प्रदर्शित किया है कि वह श्रीलंका के लिए विश्वसनीय भागीदार और भरोसेमंद मित्र है।

विदेश सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि भारत श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और पर्यटन तथा निवेश का सबसे बड़ा स्रोत है। उन्होंने उल्लेख किया कि राष्ट्रपति दिसानायके ने भारत के सहयोग, विशेष रूप से वर्ष 2022-2023 में 4 बिलियन डॉलर की सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। विक्रम मिस्री ने यह भी कहा कि दोनों देश विभिन्न कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, जिसमें इंटर-ग्रिड कनेक्टिविटी के लिए ऊर्जा कनेक्टिविटी योजनाएँ और दोनों देशों के बीच एक बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइन शामिल हैं।

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