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Union Minister Shivraj Singh Chouhan held a review meeting with the Rural Development Ministers of the states on various schemes of the Ministry
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केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों के साथ मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों के साथ मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मंत्रालय के विभिन्न कार्यों की समीक्षा करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह नया साल हमारे ग्रामीण भारत और गांव के भाई-बहनों के लिए सुख समृद्वि और ऋद्वि सिद्वि लाये और हम उनकी जिन्दगी में हम खुशिओं के रंग भर पायें। ग्रामीण भारत के विकास के बिना विकसित भारत नहीं बन सकता है। हमारा उद्देश्य तो भारत को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाना है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विज़न है। राज्यों के बिना केंद्र काम नहीं कर सकता है। मैं अपने आप को इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए समर्पित करता हूं। योजनाएं सिर्फ योजना नहीं लोगों की जिंदगी बदलने का अभियान है। ग्रामीण विकास मंत्रालय वर्ष 2025 को गरीबी मुक्त गांव बनाने के लिए कृतसंकल्प है। गांव में कोई बेरोजगार न हो और उनकी न्यूनतम रोजमर्रा की आवश्यकताओं को ठीक ढंग से पूरा कर पायें। हम सब मिलकर इसको पूरा कर सकते हैं और इस अवधारणा को साकार करने के लिए हमें कई काम करने की ज़रूरत है, जैसे:

  • योजनाओं में समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें समय से पूर्ण करना
  • योजनाओं के क्रियान्वयन में क्षेत्रीय असमानताओं को चिन्हित कर जरूरत वाले क्षेत्रों पर विशेष बल देना
  • तकनीकी रूप से उन्नत IT solutions का विकास और उसका भरपूर प्रयोग,
  • प्रक्रियाओं को सरल एवं समयबद्ध बनाना,
  • हितधारकों को उनके अधिकार से अवगत कराना
  • संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करना
  • विभिन्न मंत्रालय की कल्याणकारी योजनाओं के बीच बेहतर तालमेल बढ़ाना
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं के बीच समन्वय एवं गहन सहयोग

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये सुधारात्मक कदम देश के लाखों गांवों को गरीबी से मुक्ति दिलाएंगे। मैं गरीबी मुक्त गाँवों से आगे गाँवों की भूमिका राष्ट्र-निर्माण में देखता हूँ, जिसमें गाँवों के सामर्थ्य एवं गाँवों की संभावनाओं का भरपूर प्रयोग करते हुए न सिर्फ भारत विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा होगा, बल्कि एक आदर्श राष्ट्र के रूप में दुनिया के द्वारा देखा जाएगा।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाएँ केवल योजनाएँ नहीं हैं, ये आम जनता के लिए एक उम्मीद एवं उनके सपने को साकार करने का माध्यम हैं, यह सम्मान, सशक्तिकरण और बेहतर भविष्य का निर्माण करने का आधार है। ये योजनाएँ भारत सरकार की गांवों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती हैं। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा में जून 2024 से अब तक 136 करोड़ श्रमदिवस सृजित किए हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 54 लाख 83 हजार कार्य पूर्ण किये गये हैं। इस दौरान केंद्र सरकार ने कुल 50,467 करोड़ रुपए राज्य सरकारों को रिलीज किए हैं। शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 अप्रैल 2022 को किया गया था, जिसके अंतर्गत अब तक 68,000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण/पुनर्जीवन कार्य पूरा किया जा चुका है। अब इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए मिशन का विस्तार फ़ेज़ II, के रूप में किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत और अधिक सरोवरों का निर्माण/पुनर्जीवन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवास योजना के अंतर्गत पिछले दस वर्षों में 3.45 करोड़ घर निर्मित किए गये हैं, जिसमें प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंर्तगत मार्च 2024 तक 2 करोड़ 95 लाख के लक्ष्य के सापेक्ष 2 करोड़ 68 लाख घर पूर्ण हो चुके हैं और पूर्ववर्ती आवास योजना के लगभग 77 लाख लंबित घर भी पूर्ण किए गये हैं। गत आठ वर्षों में औसतन लगभग 10,000 घर प्रतिदिन की दर से बनाए गये हैं। घर पूर्ण किए जाने में औसतन दिन 314 से घटकर 114 दिन हो गया है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता और ग्रामीण घरों की आवश्यकता को महसूस करते हुए आवास योजना का विस्तार किया गया है और आने वाले अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ नए घर, 3 लाख 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि नये परिवारों को चिन्हित कर उन्हें योजना से जोड़ने के लिए सर्वे का कार्य आरंभ हो चुका है और इस बार संशोधित मानदंडों के आधार पर सर्वे होगा। आवास+ सर्वे के कार्य की मॉनिटरिंग करना और इसे अगले तीन माह अर्थात मार्च 2025 तक पूर्ण किए जाने को सुनिश्चित करना। इस दिशा में एक और क्रान्तिकारी कदम मेरे विभाग ने इस वर्ष ये उठाया है कि अब जो व्यक्ति पात्र हैं घरों के लिए, वे अपना सर्वे स्वयं कर सकते हैं अपने मोबाइल से कर सकते हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अर्थात् NRLM भारत में प्रवर्तित दुनिया का सबसे बड़ा महिला नेटवर्क है। मिशन ने 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। इन्हें 90.89 लाख स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया गया है और इन्हें 5 लाख ग्राम संगठनों (VO) में संघीकृत किया गया है और आगे 32,000 क्लस्टर स्तरीय संघों (CLF) में संघीकृत किया गया है। इन सामुदायिक संस्थाओं को पूंजीकरण के रूप में लगभग 48,289 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं और स्वयं सहायता समूहों को 9.84 लाख करोड़ रुपये का बैंक ऋण दिया गया है। मिशन ने लगभग 4 करोड़ महिला किसानों को कवर किया है और कुल 3.13 लाख उद्यमों को समर्थन दिया गया है। 3 करोड़ लखपति दीदियों को बनाने के माननीय प्रधान मंत्री के सपने को साकार करने के लिए, अब तक 1.15 करोड़ दीदियाँ लखपति दीदी बन गयी हैं और राज्यों में 2.91 करोड़ संभावित लखपति दीदियों की पहचान की गई है।

उन्होंने बताया कि पीएमजीएसवाई: PMGSY-I, II और RCPLWEA के तहत स्वीकृत कार्यों को पूरा करने की समयसीमा मार्च 2025 तक मार्च, 2024 से पुनः बढ़ाई गई है। PMGSY-IV के अन्तर्गत पात्र बसावटों को चिन्हित करने के लिए सर्वेक्षण जारी है और इसे 31 जनवरी, 2025 तक पूरा करना है ताकि सड़क निर्माण का कार्य शीघ्र आरंभ कराया जा सके।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) के रूप में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत देश में कुल 629 प्रशिक्षण केन्‍द्र सक्रिय है। इस योजना के तहत 2014 से अब तक कुल मिलाकर 16.96 लाख अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है और 11.02 लाख अभ्यर्थियों को नियोजित किया गया है।इस योजना के तहत 2014 से अब तक कुल मिलाकर रु 738929.33 लाख जारी किया गया है।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) कार्यक्रम के अंतर्गत पूरे देश में कुल 602 प्रशिक्षण केन्‍द्र सक्रिय है। जिसमे योजना के प्रारंभ (2009) से आज तक कुल 54 लाख 32 हजार ग्रामीण युवाओ को विभिन्न विधाओ में प्रशिक्षित किया गया है और 38 लाख 60 हजार हितग्राहियों को आयमूलक गतिविधियों से जोड़ा जा चुका है। इस योजना के तहत पूरे भारत वर्ष मे योजना के प्रारंभ से आज तक कुल 1278.81 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की गई है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी सारी योजनाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति एवं उनके उद्देश्यों की सम्पूर्ति राज्य सरकारों की सक्रिय सहभागिता एवं उनके द्वारा सतत मॉनिटरिंग के माध्यम से ही सम्भव है। मैं आप सबके सक्रिय सहयोग की कामना करता हूँ और आपके रचनात्मक सुझावों का स्वागत करता हूँ। आज की इस बैठक में मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि हमारी योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में अपने सुझावों से हमें अवगत करायें। साथ ही, आपसे यह भी अनुरोध करता हूँ कि हमारे आगामी बजट के संबंध में आपके जो भी विचार या सुझाव हों, वे भी हमें बताएँ।

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