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implementation of social security schemes for BOCW was reviewed in the 16th meeting of the BOCW Monitoring Committee
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BOCW निगरानी समिति की 16वीं बैठक में BOCW के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा की अध्यक्षता में 13 जनवरी 2025 को भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकारों (बीओसीडब्ल्यू) ‘निगरानी समिति की 16वीं बैठक हाइब्रिड मोड में हुई। इस बैठक में श्रम कल्याण महानिदेशक, मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/श्रम आयुक्त, बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्ड के सचिव, केंद्रीय कल्याण आयुक्तों के अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और वित्तीय सेवा विभाग के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्‍सा लिया।

बैठक के दौरान (i) पीएमजेजेबीवाई/पीएमएसबीवाई/पीएम-जेएवाई/पीएमएसवाईएम जैसी केंद्रीय सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत पंजीकृत बीओसीडब्ल्यू कर्मकारों को शामिल के करने लिए ‘मॉडल कल्याण योजना’ में संशोधन, (ii) बीओसीडब्ल्यू उपकर निधि से शैक्षणिक संस्थानों/स्कूलों का निर्माण, (iii) ई-श्रम पोर्टल के साथ बीओसीडब्ल्यू डेटा एकीकरण/ऑन-बोर्डिंग, (iv) सीएजी ऑडिट और सामाजिक ऑडिट, (v) बीओसीडब्ल्यू एमआईएस पोर्टल पर डेटा प्रस्तुत करना, (vii) बीओसीडब्ल्यू को लाभों का स्वचालित हस्तांतरण आदि से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।

श्रम एवं रोजगार सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बीओसी कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में शामिल करने के लिए उपकर निधि के उपयोग के लिए आवश्यक कदम उठाएं। यह देखा गया कि वर्तमान में देश भर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों में लगभग 5.73 करोड़ कर्मकार पंजीकृत हैं, और 30 सितंबर 2024 तक बोर्डों के पास उपलब्ध शेष राशि के साथ, संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता है जिसका उपयोग बीओसी कर्मकार के कल्याण के लिए विवेकपूर्ण तरीके से किया जा सकता है। इसमें अब तक शामिल नहीं किए गए कर्मकारों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।

श्रम और रोजगार सचिव ने अन्य बातों के साथ-साथ, पंजीकरण तंत्र को मजबूत करके, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ई-श्रम के साथ बीओसीडब्ल्यू बोर्डों के डेटा का एपीआई एकीकरण, सभी श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य, बीमा, दुर्घटना लाभ जैसे 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभों का विस्तार करके, कल्याण बोर्डों के कामकाज को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों के लिए तत्काल कार्य करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

बैठक में प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना, सुरक्षा उपायों और आधुनिक निर्माण तकनीकों में कर्मकारों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करना, न्यूनतम मजदूरी का समय पर भुगतान और कल्याणकारी योजनाओं के तहत बीओसीडब्‍ल्‍यू के कवरेज के संबंध में केंद्रीय एमआईएस पोर्टल पर डेटा को अद्यतन करने पर जोर दिया गया।

बैठक के दौरान, उत्तराखंड और असम बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों ने जानकारी साझा करने के एक भाग के रूप में अपने-अपने बोर्डों की अच्छी विधियों एवं प्रक्रियाओं के बारे में बताया।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने भी बैठक में भाग लिया और कर्मकारों में तपेदिक के उन्मूलन पर जोर देते हुए बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों से अनुरोध किया कि वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ के अभियान को तेज करने में भाग लें। इस संदर्भ में, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय सचिव ने सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों से अनुरोध किया कि वे प्रवासी कर्मकारों सहित बीओसी कर्मकारों के लिए स्वास्थ्य जांच संबंधी अभियानों का आयोजन करें।

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