भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने मानकीकरण पर अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों के साथ सहयोग को मजबूत किया
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों के साथ मानकीकरण के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक उच्च स्तरीय गोलमेज चर्चा की मेजबानी की। इस कार्यक्रम में इन क्षेत्रों के 25 से अधिक देशों के राजदूतों, उच्चायुक्तों और प्रतिनिधियों के साथ-साथ विदेश मंत्रालय और उपभोक्ता मामलों के विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे और बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस चर्चा का नेतृत्व किया।
उपभोक्ता मामलों की सचिव ने बीआईएस के व्यापक मानक तंत्र की सराहना की जो सीमाओं के पार निर्बाध व्यापार की सुविधा प्रदान करते हुए उत्पाद की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और गुणवत्ता के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए मानकों में सामंजस्य स्थापित करने पर बल दिया।
निधि खरे ने कहा कि बीआईएस अनुकूलता, सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाले मानक निर्धारित करके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता और तकनीकी एवं प्रशासनिक दोनों स्तरों पर आईएसओ व आईईसी में इसकी सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया। मानकीकरण में सात दशकों की विशेषज्ञता के साथ बीआईएस इस क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है।
बीआईएस आईटीईसी कार्यक्रम के तहत विकासशील देशों के लिए कैसे क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, उन्होंने इस पर भी प्रकाश डाला। अब तक 30 अफ्रीकी राष्ट्र और 10 लैटिन अमेरिकी देश इन पहलों से लाभान्वित हुए हैं। इसके अतिरिक्त बीआईएस ने ज्ञान साझाकरण और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए इन देशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
सचिव ने किसी भी इच्छुक देश को सहयोग देने के लिए बीआईएस की प्रतिबद्धता दोहराई और मानकीकरण सिद्धांतों तथा क्षेत्र-विशिष्ट मामलों पर मदद की पेशकश की। संगठन ने राष्ट्रीय भवन संहिता (एनबीसी) और राष्ट्रीय विद्युत संहिता (एनईसी) के लिए व्यापक कोड भी विकसित किए हैं, जो सुरक्षित और टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देते हैं।
उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों और विशेषज्ञता वाले विकासशील देश, सामंजस्य के माध्यम से भारतीय मानकों को अपना सकते हैं और बीआईएस द्वारा विकसित अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ उठा सकते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने बीआईएस द्वारा किए गए प्रयासों और सहायता की सराहना की। प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय मानक निकायों (एनएसबी) के साथ सहयोग से ऐसे और अधिक कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया। अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों ने बीआईएस के साथ आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने और अपने मानकीकरण ढांचे को मजबूत करने में गहरी रुचि दिखाई।