माघी पूर्णिमा पर होने वाले अमृत स्नान से पहले प्रयागराज महाकुंभ में तैयारियां जोरों पर हैं। इस अवधि के दौरान कल्पवासी संगम के घाटों के पास अस्थायी आवास में रहते हैं। इस वर्ष महाकुंभ में 10 लाख से अधिक लोगों ने कल्पवास किया है। हमारे संवाददाता ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रद्धालुओं को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने और प्रभावी यातायात प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।
माघ मास के दौरान प्रयागराज के संगम के तट पर कल्पवास करने से सहस्त्र वर्षों के तप का फल मिलता है। परंपरा के अनुसार सभी कल्पवासी विधिपूर्वक पूर्णिमा के दिन संगम में स्नान कर कल्पवास का पारण करेंगे। पूजन और दान के बाद कल्पवासी अपने अस्थायी आवास त्यागकर पुन: अपने घर की ओर लौटेंगे। आज सुबह 4:00 बजे से पूरे मेला क्षेत्र में निजी गाडियों का आना-जाना वर्जित रहेगा। इसके अतिरिक्त आज शाम 5:00 बजे से ‘नो व्हीकल जोन’ निर्देश का पूरे प्रयागराज शहर में लागू होगी। इस अवधि के दौरान केवल आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को ही आवाजाही की अनुमति दी जाएगी। यह विशेष यातायात योजना कल माघी पूर्णिमा स्नान के समापन तक प्रभावी रहेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ एक विशेष समीक्षा बैठक की थी। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मौजूदा व्यवस्थाओं का आंकलन किया। अधिकारियों को अतिरिक्त विशेष मेला ट्रेनों और परिवहन निगम की बसों को तैनात करके प्रयागराज रेलवे स्टेशनों पर भीड़भाड को रोकने की भी निर्देश दिए।
उत्तर रेलवे ने बताया है कि प्रयागराज के महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आज 93 से अधिक रेलगाडि़यां चलाई जा रही हैं। कल तीन सौ चौंतीस रेलगाडियां चलाई गईं थी। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर ने बताया है कि प्रयागराज के सभी आठ स्टेशनों पर यात्रियों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने लोगों से ट्रेन रद्द होने से संबंधित अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह किया।