केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार, आज दिल्ली का दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 202 (‘खराब’ श्रेणी) दर्ज किया गया। दिल्ली की औसत/समग्र वायु गुणवत्ता 201-300 के बीच ‘खराब’ वायु गुणवत्ता श्रेणी दर्ज किए जाने के मद्देनजर, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत कार्रवाई करने के लिए उप-समिति ने आज दिल्ली-एनसीआर के वर्तमान वायु गुणवत्ता परिदृश्य का जायजा लेने के लिए बैठक की। क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ आईएमडी/आईआईटीएम पूर्वानुमान और दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक की व्यापक समीक्षा करते हुए, यह निम्नानुसार पाया गया:
दिल्ली-एनसीआर में शांत हवाओं और प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण दिल्ली के एक्यूआईमें वृद्धि देखी गई है। 07.03.2025 को दिल्ली का एक्यूआई 202 (‘खराब’ श्रेणी में) दर्ज किया गया है। इसके अलावा, आईएमडी/आईआईटीएम के पूर्वानुमान में भी कम वेंटिलेशन गुणांक, हवा की गति में कमी और प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण एक्यूआईके मुख्य रूप से ‘खराब’ श्रेणी में रहने की भविष्यवाणी की गई है।
जीआरएपी पर उप-समिति के सर्वसम्मत निर्णय के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के चरण-I के अंतर्गत परिकल्पित सभी 27 कार्रवाइयां – ‘खराब’ वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई 201-300 के बीच), एनसीआर में संबंधित सभी एजेंसियों द्वारा तत्काल प्रभाव से सही तरीके से लागू की जानी चाहिए। एनसीआर राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) सहित जीआरएपी के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों को इस अवधि के दौरान जीआरएपी के तहत चरण-I की कार्रवाइयों का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए संबोधित किया गया है।
इसके अलावा, उप-समिति एनसीआर के नागरिकों से जीआरएपी के कार्यान्वयन में सहयोग करने और जीआरएपी के चरण I के नागरिक चार्टर में उल्लिखित चरणों का पालन करने का भी आग्रह करती है:
- अपने वाहनों के इंजन को उचित ढंग से ट्यून रखें।
- वाहनों में टायरों का दबाव उचित बनाए रखें।
- अपने वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्र अद्यतन रखें।
- अपने वाहन को निष्क्रिय न रखें, लाल बत्ती होने पर इंजन भी बंद कर दें।
- वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाइब्रिड वाहनों या ईवी को प्राथमिकता दें।
- खुले स्थानों पर कूड़ा-कचरा न फैलाएं।
- 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप आदि के माध्यम से वायु प्रदूषण गतिविधियों की रिपोर्ट करें।
- अधिकाधिक पेड़ लगायें।
- त्यौहारों को पर्यावरण-अनुकूल तरीके से मनाएं – पटाखों से बचें।
- 10/15 साल पुराने डीजल/पेट्रोल वाहन न चलाएं।
जीआरएपी के चरण-I के अनुसार 27-सूत्रीय कार्य योजना पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू है। इस 27-सूत्रीय कार्य योजना में एनसीआर राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीपीसीसी सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्यान्वित/सुनिश्चित किए जाने वाले कदम शामिल हैं। जीआरएपी की विस्तृत अनुसूची आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे https://caqm.nic.in पर देखा जा सकता है।
ये चरण हैं:
- निर्माण एवं विध्वंस (सीएंडडी) गतिविधियों में धूल शमन उपायों पर निर्देशों/नियमों/दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना तथा सीएंडडी अपशिष्ट का अच्छा पर्यावरण प्रबंधन सुनिश्चित करना।
- दिनांक 11.06.2021 के निर्देश संख्या 11-18 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें और 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक आकार के भूखंड वाली ऐसी परियोजनाओं के संबंध में सीएंडडी गतिविधियों की अनुमति न दें जो संबंधित राज्य / जीएनसीटीडी के ‘वेब पोर्टल’ पर पंजीकृत नहीं हैं और / या जो धूल शमन उपायों की दूरस्थ निगरानी के लिए उपर्युक्त वैधानिक निर्देशों के अनुसार अन्य आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं।
- नगर निगम के ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्लू), निर्माण एवं विध्वंस (सीएंडडी) अपशिष्ट, तथा खतरनाक अपशिष्टों को समर्पित डंप साइटों से नियमित रूप से उठाना सुनिश्चित करें तथा यह सुनिश्चित करें कि कोई भी अपशिष्ट अवैध रूप से खुले क्षेत्रों में न डाला जाए।
- सड़कों पर समय-समय पर मशीनी सफाई और पानी का छिड़काव करें तथा निर्धारित स्थलों/लैंडफिल में एकत्रित धूल का वैज्ञानिक तरीके से निपटान सुनिश्चित करें।
- सुनिश्चित करें कि सीएंडडी सामग्री और अपशिष्ट को उचित रूप से संग्रहीत/संरक्षित किया गया है, तथा परिसर में उचित रूप से ढका गया है। सीएंडडी सामग्री और सीएंडडी अपशिष्ट का परिवहन केवल ढके हुए वाहनों के माध्यम से ही किया जाना सुनिश्चित करें।
- निर्माणाधीन परियोजना के कुल निर्मित क्षेत्र के अनुपात में, सीएंडडी स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन के उपयोग के लिए वैधानिक निर्देशों और मानदंडों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
- सड़क निर्माण/चौड़ीकरण/मरम्मत परियोजनाओं और रखरखाव गतिविधियों में एंटी-स्मॉग गन, पानी का छिड़काव और धूल दमन उपायों का उपयोग तेज करें।
- बायोमास और नगरपालिका के ठोस कचरे को खुले में जलाने पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें। ओए 21/2014 में माननीय एनजीटी के दिनांक 04.12.2014 और 28.04.2015 के आदेशों के अनुसार उल्लंघन पर अधिकतम ईसी लगाएं।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी कि लैंडफिल स्थलों/डंप स्थलों पर कोई भी आगजनी की घटना न हो।
- भारी यातायात और भीड़भाड़ वाले सभी चिन्हित गलियारों पर सुचारू यातायात के लिए यातायात पुलिस की तैनाती करें।
- वाहनों के लिए पीयूसी मानदंडों की सख्त निगरानी और प्रवर्तन।
- दृश्यमान उत्सर्जन के प्रति कोई सहिष्णुता नहीं – दृश्यमान रूप से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जब्त करके और/या अधिकतम जुर्माना लगाकर रोकें।
- पूर्वी और पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेसवे के माध्यम से दिल्ली के लिए गैर-नियत ट्रक यातायात को मोड़ने के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को सख्ती से लागू करें।
- पुराने डीजल/पेट्रोल वाहनों पर एनजीटी/माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मौजूदा कानूनों के अनुसार सख्ती से लागू किया जाएगा।
- गैर-अनुपालन और अवैध औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त दंडात्मक/कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें।
- उद्योगों, ईंट भट्टों और हॉट मिक्स संयंत्रों आदि में सभी प्रदूषण नियंत्रण नियमों को सख्ती से लागू करना – उत्सर्जन के निर्धारित मानकों का सख्त अनुपालन करना।
- यह सुनिश्चित करें कि ईंट भट्टों और हॉट मिक्स संयंत्रों सहित एनसीआर में उद्योगों द्वारा केवल अनुमोदित ईंधन का उपयोग किया जाए और यदि कोई उल्लंघन हो तो उसे बंद किया जाए।
- ताप विद्युत संयंत्रों में उत्सर्जन मानदंडों को सख्ती से लागू किया जाए तथा अनुपालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाए।
- पटाखों पर प्रतिबंध के संबंध में माननीय न्यायालयों/अधिकरण के आदेशों को सख्ती से लागू करें।
- औद्योगिक एवं गैर-विकास क्षेत्रों से औद्योगिक अपशिष्ट का नियमित उठाव एवं उचित निपटान सुनिश्चित करना।
- डिस्कॉम्स एनसीआर में बिजली आपूर्ति में रुकावट को न्यूनतम करेंगे।
- सुनिश्चित करें कि डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में न किया जाए।
- होटलों, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में तंदूरों में ईंधन के रूप में कोयला/लकड़ी के उपयोग पर मौजूदा प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें।
- यह सुनिश्चित करें कि होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालय केवल बिजली/गैस आधारित/स्वच्छ ईंधन आधारित उपकरणों का उपयोग करें।
- सोशल मीडिया और बल्क एसएमएस आदि के माध्यम से सूचना का प्रसार हो। लोगों को प्रदूषण के स्तर, नियंत्रण कक्ष के संपर्क विवरण के बारे में सूचित करने के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग किया जाएगा, जिससे वे संबंधित अधिकारियों को प्रदूषणकारी गतिविधियों/स्रोतों की सूचना दे सकें और सरकार द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के बारे में उन्हें सूचित कर सकें।
- प्रदूषणकारी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप और ऐसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर शिकायतों के निवारण के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
- सड़क पर यातायात को कम करने के लिए कर्मचारियों के लिए एकीकृत आवागमन शुरू करने हेतु कार्यालयों को प्रोत्साहित करें।