रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नाविका सागर परिक्रमा (एनएसपी) II की महिला चालक दल के सदस्यों के साथ ऑनलाइन बातचीत की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आज 7 मार्च, 2025 को नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय नौसेना की नविका सागर परिक्रमा II (एनएसपी II) के चालक दल के सदस्यों लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए के साथ बातचीत की। उनका नौकायन पोत आईएनएसवी तारिणी वर्तमान में दक्षिण अटलांटिक महासागर में है। यह फॉकलैंड द्वीप समूह के पोर्ट स्टेनली से 450 समुद्री मील की दूरी पर है और दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन की ओर जा रहा है।
बातचीत के दौरान, रक्षा मंत्री ने एनएसपी II चालक दल के साहस, समर्पण एवं लचीलेपन की सराहना की, जिन्होंने उच्च सहनीय मिशनों में नारी शक्ति को प्रदर्शित करने के भारत के निरंतर प्रयासों के तहत, विश्व की परिक्रमा करने की चुनौतीपूर्ण यात्रा शुरू की है। राजनाथ सिंह ने दुनिया के सबसे अलग-थलग जलक्षेत्र प्वाइंट निमो को पार करने और सबसे खतरनाक जलक्षेत्र ड्रेक पैसेज से होकर नौकायन करने की उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए चालक दल को बधाई दी।
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर लैंगिक-समावेशी सशस्त्र बल के सरकार के दृष्टिकोण को दोहराया और अधिकाधिक युवा महिलाओं को रक्षा व साहसिक खेलों में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को सशक्त करने में महिलाओं की अमूल्य भूमिका को स्वीकार किया और रक्षा क्षेत्र में महिलाओं हेतु अवसरों का विस्तार करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर किया।
नाविका सागर परिक्रमा II (एनएसपी II) भारतीय नौसेना की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य दो महिला चालक दल के माध्यम से दुनिया भर की यात्रा करना है। एनएसपी II समुद्री और रक्षा क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने व उनकी नेतृत्व तथा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के भारत के संकल्प का प्रतीक है। भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों वाले चालक दल ने इस प्रतिष्ठित यात्रा को शुरू करने से पहले नेविगेशन, मौसम प्रबंधन और महासागर में जीवित रहने की तकनीकों का कठोर प्रशिक्षण लिया था, जिसे 02 अक्टूबर, 2024 को गोवा में नौसेना प्रमुख द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
रक्षा मंत्रालय भारतीय रक्षा बलों में महिलाओं का अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने में सबसे आगे रहा है। स्थायी कमीशन के अवसर, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) और भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) में महिलाओं की संख्या में वृद्धि और युद्ध एवं विमानन शाखाओं में नेतृत्वकारी भूमिकाएं सहित विभिन्न गतिविधियों ने एक अधिक समावेशी बल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।