विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने आज भारत और रूस के बीच स्थायी कार्यनीतिक साझेदारी पर प्रकाश डाला और कहा कि दोनों देशों के जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य से निपटने के साथ ही यह साझेदारी और भी गहरी होगी। उन्होंने वीडियो संदेश के माध्यम से मास्को में भारतीय दूतावास और रूसी परिषद द्वारा आयोजित रूस और भारत एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
डॉ. जयशंकर ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को एक सौ अरब डॉलर तक बढ़ाने के अपने निर्धारित लक्ष्य के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दोहराया। डॉ. जयशंकर ने बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के साथ-साथ सांस्कृतिक संबंधों और लोगों के बीच संबंधों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने ऊर्जा, रक्षा और प्रौद्योगिकी और कृषि जैसे उभरते क्षेत्रों सहित, विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के महत्व पर बल दिया।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त कार्यनीतिक साझेदारी को और बढ़ाना दोनों देशों की विदेश नीति की साझा प्राथमिकता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि गहरी ऐतिहासिक जड़ों और विश्वास तथा आपसी सम्मान की लम्बी परंपरा वाले इस रिश्ते का गतिशील विश्व व्यवस्था की पृष्ठभूमि में विस्तार जारी है।