अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम के साथ विश्वव्यापी आयोजन की तैयारी तेज़
आयुष मंत्रालय ने आगामी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 (IDY 2025) को लेकर तैयारियों की झलक प्रस्तुत करते हुए इस वर्ष के आयोजन को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की योजना बनाई है। आकाशवाणी के विशेष कार्यक्रम “पोस्ट बॉक्स नंबर 111” में सचिव, आयुष मंत्रालय वैद्य राजेश कोटेचा ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस वर्ष योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रखी गई है, जो वसुधैव कुटुंबकम की वैश्विक अवधारणा को बल देती है।
IDY 2025, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की 10वीं वर्षगांठ को चिह्नित करता है और इसी उपलक्ष्य में 10 प्रमुख गतिविधियाँ और पहल योजनाबद्ध की गई हैं, जो योग की समग्र प्रकृति और समाज पर इसके बहुआयामी प्रभाव को रेखांकित करती हैं:
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 सिग्नेचर इवेंट्स:
- योग संगम – 21 जून को भारत के 1 लाख से अधिक स्थलों पर सामूहिक योग अभ्यास का अभूतपूर्व आयोजन।
- योग बंधन – 10 साझेदार देशों में भारतीय दूतावासों के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय योग सत्रों का आयोजन।
- योग पार्क – देश भर में 1,000 योग पार्कों का निर्माण या उन्नयन।
- योग समावेश – दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और विशेष जरूरत वाले समूहों के लिए विशिष्ट योग कार्यक्रम।
- योग प्रभाव – 2015 से 2025 तक योग के सामाजिक और स्वास्थ्य प्रभाव का मूल्यांकन।
- योग कनेक्ट – वैश्विक योग शिखर सम्मेलन जिसमें योगगुरु, नीति निर्माता, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और प्रभावशाली हस्तियां शामिल होंगी।
- हरित योग – पर्यावरण संरक्षण और योग को जोड़ती हुई गतिविधियाँ।
- योग अनप्लग्ड – युवाओं को आकर्षित करने हेतु ऑफ़लाइन और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर योग केंद्रित इवेंट्स।
- योग महाकुंभ – देश के 10 शहरों में सप्ताह भर चलने वाला योग महोत्सव।
- संयोग – समकालीन चिकित्सा प्रणालियों में योग के साक्ष्य-आधारित एकीकरण पर ध्यान।
कार्यक्रम में बताया गया कि राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार भारत के लगभग 2.5 करोड़ परिवारों में प्रतिदिन कम-से-कम एक व्यक्ति योग करता है। योग की वैश्विक लोकप्रियता के चलते पिछले दशक में अंतरराष्ट्रीय योग बाजार में 5 गुणा वृद्धि देखी गई है।
अनुसंधान और वैश्विक विस्तार:
साक्षात्कार में आयुष सचिव ने बताया कि AIIMS दिल्ली के CIMR द्वारा किए गए शोध में यह पाया गया कि योग और जिम के शारीरिक लाभ समान हो सकते हैं, लेकिन योग मानसिक और भावनात्मक स्तर पर संतुलन और सत्वगुण को बढ़ावा देता है। आयुष मंत्रालय द्वारा किए गए अन्य अध्ययनों में भी यह सिद्ध हुआ है कि योग माइग्रेन, पोस्ट-हार्ट अटैक रिकवरी और महिला स्वास्थ्य में अत्यधिक प्रभावी है।
आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित एक पायलट परियोजना में छह जिलों में 10 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें से 1 लाख लोगों में जीवनशैली जनित विकार पाए गए। योग और आयुर्वेद आधारित हस्तक्षेपों से उनकी जीवन गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया।
वैश्विक दृष्टिकोण:
आयुष सचिव वैद्य कोटेचा ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की चिली की विदेश यात्रा के दौरान “Somos India” समूह का उल्लेख किया गया, जो वहां योग और आयुर्वेद का प्रचार कर रहा है। मंत्रालय अब इन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रणालियों वैश्विक प्रचार-प्रसार के लिए योग और आयुर्वेद ग्रंथों का स्पेनिश, जर्मन, जापानी और अंग्रेज़ी जैसी भाषाओं में अनुवाद करने की दिशा में काम कर रहा है।
आयुष सचिव ने अंत में कहा कि, “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस केवल उत्सव नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और संतुलित जीवन की दिशा में एक वैश्विक जनांदोलन है।”