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Cabinet approves Fair and Remunerative Price (FRP) of sugarcane payable by sugar mills to sugarcane farmers for 2025-26 season
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कैबिनेट ने 2025-26 सीजन के लिए चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को देय गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए 2025-26 (अक्टूबर-सितंबर) सीजन के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 355 रुपए प्रति क्विंटल स्वीकृत किया है। इसकी मूल वसूली दर 10.25 प्रतिशत होगी जिसमें 10.25 प्रतिशत से अधिक वसूली में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के लिए 3.46 रुपए प्रति क्विंटल का प्रीमियम प्रदान किया जाएगा तथा वसूली में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की कमी के लिए एफआरपी में 3.46 रुपए प्रति क्विंटल की कमी की जाएगी।

हालांकि, गन्ना किसानों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जिन चीनी मिलों की वसूली 9.5 प्रतिशत से कम है, उनके मामले में कोई कटौती नहीं की जाएगी। ऐसे किसानों को 2025-26 के आगामी सीजन में गन्ने के लिए 329.05 रुपए प्रति क्विंटल मिलेंगे।

2025-26 सीजन के लिए गन्ने की उत्पादन लागत (ए2+एफएल) 173 रुपए प्रति क्विंटल है। 10.25 प्रतिशत की रिकवरी दर पर 355 रुपए प्रति क्विंटल का यह एफआरपी उत्पादन लागत से 105.2 प्रतिशत अधिक है। 2025-26 सीजन के लिए एफआरपी, मौजूदा 2024-25 सीजन से 4.41 प्रतिशत अधिक है।

यह स्वीकृत एफआरपी चीनी मिलों द्वारा 2025-26 (1 अक्टूबर, 2025 से शुरू) सीजन में किसानों से गन्ने की खरीद के लिए लागू होगी। चीनी क्षेत्र एक महत्वपूर्ण कृषि आधारित क्षेत्र है जिसमें लगभग 5 करोड़ गन्ना किसान और उनके आश्रितों की आजीविका जुड़ी हुई है और चीनी मिलों में लगभग 5 लाख श्रमिक प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं। इसके अलावा वे लोग कृषि मजदूरी और परिवहन सहित विभिन्न सहायक गतिविधियों में भी कार्यरत हैं।

पिछले 2023-24 सीजन में देय 1,11,782 करोड़ रुपए के बकाये में से 28.04.2025 तक किसानों को लगभग 1,11,703 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इस प्रकार 99.92 प्रतिशत बकाये का भुगतान किया जा चुका है। चालू सीजन 2024-25 में देय 97,270 करोड़ रुपए के बकाये में से 28.04.2025 तक किसानों को लगभग 85,094 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इस प्रकार 87 प्रतिशत गन्ना बकाये का भुगतान किया जा चुका है।

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