सरकार ने IBPS द्वारा संचालित परीक्षाओं में उम्मीदवारों के सत्यापन के लिए आधार प्रमाणीकरण के स्वैच्छिक उपयोग को अधिसूचित किया
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने एसओ837 (पृष्ठ 1614-15/सी ) द्वारा भारत के राजपत्र में प्रकाशित एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) को इसके द्वारा संचालित परीक्षाओं और भर्ती प्रक्रियाओं के दौरान उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए स्वैच्छिक आधार पर हां/नहीं या/और ई-केवाईसी प्रमाणीकरण सुविधा का उपयोग करके आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करने के लिए अधिकृत किया गया है। आईबीपीएस ‘सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ के तहत एक नामित ‘सार्वजनिक परीक्षा प्राधिकरण’ है । यह अधिसूचना आधार अधिनियम, 2016 के संगत प्रावधानों के साथ पठित सुशासन (समाज कल्याण, नवोन्मेषण, ज्ञान) नियमावली, 2020 के लिए आधार सत्यापन के नियम 5 के तहत प्रकाशित की गई है। कथित अधिसूचना भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के परामर्श के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा अधिकार-पत्र के बाद जारी की गई है।
इस पहल का उद्देश्य बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र में सुशासन को बढ़ावा देना और परीक्षा के दौरान प्रतिरूपण और अन्य कदाचारों पर अंकुश लगाकर भर्ती प्रक्रिया की अखंडता को सुदृढ़ बनाना है। यह न केवल एक निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा बल्कि वास्तविक उम्मीदवारों को धोखाधड़ी पूर्ण गतिविधियों के कारण वंचित होने से भी बचाएगा। यह पहचान सत्यापन को सरल बनाएगा और उसमें तेजी लाएगा, प्रशासनिक बोझ को कम करेगा और समग्र परीक्षा तथा चयन प्रणाली में लोगों का विश्वास बढ़ाएगा।