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Defence Minister Rajnath Singh calls for strengthening security architecture and enhancing synergy between civilians and soldiers to safeguard national interests
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए नागरिकों और सैनिकों के बीच तालमेल बढ़ाने का आह्वान किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज के अनिश्चित समय में सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए नागरिक और सैन्य कर्मियों के बीच तालमेल बढ़ाने का आह्वान किया है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के विभिन्न विभागों द्वारा सशस्त्र बलों को प्रदान किए गए असाधारण बैक-एंड समर्थन को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की कुंजी बताया। वे 1 अगस्त, 2025 को नई दिल्ली स्थित डीआरडीओ भवन में 84वें सशस्त्र बल मुख्यालय नागरिक सेवा दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि युद्ध सिर्फ सेना द्वारा नहीं, बल्कि पूरे देश द्वारा लड़ा जाता है और आज के तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य में, बदलती जरूरतों के अनुसार निरंतर सुधार करते हुए, मजबूती और नवीनता की भावना के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “हम जरा सी भी लापरवाही या चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ सकते।”

एक मजबूत सैन्य शक्ति के लिए एक मजबूत प्रशासनिक व्यवस्था के अनिवार्य होने पर जोर देते हुए राजनाथ सिंह ने युद्ध और शांति काल दोनों में देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने के लिए वायुसेना मुख्यालय नागरिक सेवाओं की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा, “वायुसेना मुख्यालय सेवाएं रक्षा मंत्रालय के लिए एक संस्थागत स्मृति के रूप में कार्य करती हैं। यह प्रशासन में स्थिरता, क्षेत्र विशेषज्ञता और एकरूपता प्रदान करती है, साथ ही नीतिगत निरंतरता और नागरिक-सैन्य तालमेल स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह एक आधुनिक और एकीकृत राष्ट्रीय रक्षा प्रणाली का एक मजबूत स्तंभ है।”

रक्षा मंत्री ने क्षमता विकास पर जोर देते हुए वायुसेना मुख्यालय के अधिकारियों से प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्धन के क्षेत्र में अन्य मंत्रालयों और देशों में अपने समकक्षों द्वारा अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रणालियों का आकलन करने और उन्हें अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “उभरती प्रौद्योगिकियां, नई चुनौतियां और बदलते वैश्विक परिदृश्य इस बात का संकेत हैं कि प्रशिक्षण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि विकास का एक सतत चक्र होना चाहिए। कौशल उन्नयन, नैतिक अभिविन्यास और व्यवहारिक उत्कृष्टता को प्रशिक्षण के अभिन्न अंग के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।”

राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण केवल तकनीकी दक्षता तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें मूल्य-उन्मुखीकरण भी शामिल होना चाहिए, जिससे कार्यों को राष्ट्रीय हितों से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि इससे वायुसेना मुख्यालय एक प्रशासनिक संरचना के साथ-साथ एक मूल्य-आधारित संस्थान भी बनेगा।

इस कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, रक्षा मंत्री ने संयुक्त सचिव एवं मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कार्यालय की पुनर्विकसित वेबसाइट (www.caomod.gov.in) का शुभारंभ किया, जो कर्मचारियों और आम जनता को कार्यालय से संबंधित सभी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करेगी। कर्मचारी पदोन्नति, स्थानांतरण, चिकित्सा भत्ते की स्थिति, वेतन पर्ची और फॉर्म-16 आदि जैसे नवीनतम आदेश और अपडेट प्राप्त कर सकेंगे। वेबसाइट के माध्यम से, कर्मचारी रक्षा मुख्यालय प्रशिक्षण संस्थान के विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों और कार्यशालाओं के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

राजनाथ सिंह ने ‘विकसित भारत@2047: कर्मचारियों के विचार’ पुस्तक और ‘संवाद’ पत्रिका का भी विमोचन किया। ‘विकसित भारत@2047’ पुस्तक में सेना मुख्यालयों और अंतर-सेवा संगठनों में तैनात विभिन्न रैंकों के कर्मचारियों द्वारा लिखे गए 40 लेख शामिल हैं। ये लेख विकसित भारत से संबंधित विभिन्न विषयों जैसे डिजिटलीकरण, नई शिक्षा नीति 2020, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, हरित ऊर्जा और गरीबी उन्मूलन पर आधारित हैं। ‘संवाद’ पत्रिका के 32वें अंक में कर्मचारियों के यात्रा वृत्तांत, निबंध, लेख, कविताएं आदि शामिल हैं।

रक्षा मंत्री ने वायुसेना मुख्यालय के कार्मिकों को खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कार प्रदान किए तथा कर्मचारियों के कुछ बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव (पूर्व-सैनिक कल्याण) डॉ. नितेन चंद्रा, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत और वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) डॉ. मयंक शर्मा तथा रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

एएफएचक्यू दिवस 1 अगस्त को मुख्य रूप से तीन एकीकृत सेवा मुख्यालयों, मुख्यालय आईडीएस और रक्षा मंत्रालय के 24 अंतर-सेवा संगठनों में सेवा कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाले असैन्य कर्मियों की भूमिका के सम्मान में मनाया जाता है। एएफएचक्यू दिवस मनाने का उद्देश्य एएफएचक्यू कैडर के असैन्य कर्मचारियों की टीम भावना को बढ़ावा देना है, जो सेवा मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय के बीच सेतु की भूमिका निभाते हैं।

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