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NHRC launches its two-week online short-term internship programme
शिक्षा

NHRC ने अपना दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू किया

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत की दो-सप्ताह की ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप (ओएसटीआई) नई दिल्ली में शुरू हो गई है। देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विभिन्न शैक्षणिक विषयों के 1,957 आवेदकों में से 80 विश्वविद्यालय स्तर के छात्रों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चुना गया है। दो-सप्ताह के इस कार्यक्रम का मकसद प्रशिक्षुओं को मानवाधिकारों, संबंधित कानूनों और संस्थागत व्यवस्था की गहरी समझ प्रदान करना है।

अपने उद्घाटन भाषण में, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य, न्यायमूर्ति (डॉ.) विद्युत रंजन सारंगी ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा करना सम्मान, स्वतंत्रता, समानता और न्याय के साथ जीवन जीने के लिए बेहद ज़रुरी है। लिहाज़ा, दूसरों के अधिकारों की रक्षा के लिए मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों को समझना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि मानवाधिकार रक्षकों (एचआरडी) के योगदान को महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशिक्षु इस इंटर्नशिप का पूरा लाभ उठाएँगे और विषय विशेषज्ञों से मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं के बारे में सीखेंगे और मानवाधिकार संरक्षण के लिए आजीवन प्रतिबद्ध रहेंगे।

न्यायमूर्ति सारंगी ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम (पीएचआर अधिनियम) के तहत एनएचआरसी के मिशन और अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और जीवन के अधिकारों की रक्षा करने वाली संवैधानिक गारंटी का भी अवलोकन किया, जो मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर) के अनुरूप है। उन्होंने एनएचआरसी की तमाम गतिविधियों का भी ज़िक्र किया, जिसमें ट्रांसजेंडरों के अधिकारों से जुड़ी चिंताओं को मुख्यधारा में लाने जैसी पहल शामिल हैं।

इससे पहले, एनएचआरसी की संयुक्त सचिव सैदिंगपुई छकछुआक ने इस इंटर्नशिप कार्यक्रम का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि बेहद सावधानी से तैयार किए गए पाठ्यक्रम में 46 सत्र होंगे, जिनका नेतृत्व सेवारत और सेवानिवृत्त वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, एनएचआरसी अधिकारी और कोर ग्रुप के सदस्य, शिक्षाविद, एचआरडी, विशेषज्ञ और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि करेंगे। इसके अलावा, प्रशिक्षुओं को समूह शोध प्रस्तुतियों, पुस्तक समीक्षाओं, भाषण प्रतियोगिताओं और तिहाड़ जेल, एक पुलिस स्टेशन और आशा किरण आश्रय गृह के आभासी दौरों के ज़रिए मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाएगा, ताकि वे उनकी कार्यप्रणाली और मानवाधिकार संबंधी चुनौतियों को समझ सकें।

उन्होंने कहा कि ज्ञान के सृजन के अलावा, इस कार्यक्रम का मकसद प्रशिक्षुओं में संवेदनशीलता को बढ़ावा देना तथा उन्हें मानवाधिकारों के राजदूत के रूप में समाज में अधिक सार्थक योगदान देने के लिए तैयार करना है।

इस अवसर पर एनएचआरसी के संयुक्त सचिव समीर कुमार, निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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