insamachar

आज की ताजा खबर

PM Narendra Modi hoisted the national flag on the ramparts of the Red Fort and addressed the nation
भारत मुख्य समाचार

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर पर राष्‍ट्र ध्‍वज फहराया और राष्‍ट्र को संबोधित किया

आज देश उनासीवां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के प्रतिष्ठित लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्‍वतंत्रता का यह पर्व 140 करोड़ लोगों के संकल्‍पों का पर्व है। 140 करोड़़ देशवासी आज तिरंगे के रंग में रंगे हैं। हर घर तिरंगा भारत के हर कोने से चाहे रेगिस्‍तान हो, चाहे हिमालय की चोटियां हों, समुंद्र के तट हों या घनी आबादी वाले क्षेत्र हों, हर तरफ से एक ही गूंज है, एक ही जयकारा है। हमारी जान से भी प्‍यारी मातृभूमि का जयगान है।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ऑपरेशन सिंदूर के जाबांजों को नमन किया। 22 तारीख के बाद हमने हमारी सेना को खुली छूट दे दी। रणनीति वो तय करें, लक्ष्‍य वो तय करें, समय भी वो चुने और हमारी सेना ने वो करके दिखाया, जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं। सैकड़ो किलोमीटर दुश्‍मन की धरती पर घुस करके आतंकी हेडक्‍वार्टस को मिट्टी में मिला दिया।

प्रधानमंत्री ने सिंधु जल संधि को एक तरफा करार देते हुए कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। भारत ने तय कर लिया है खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा। अब देशवासियों को भली-भांति पता चला है कि सिंधु का समझौता कितना अन्‍यायपूर्ण है, कितना एक तरफा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे विश्‍व में युद्ध के स्‍वरूप बदल रहे हैं। उन्‍होंने भगवान श्रीकृष्‍ण का आशीर्वाद पाकर मिशन सुदर्शन चक्र शुरू करने की घोषणा की। यह शक्तिशाली हथियार प्रणाली दुश्‍मनों पर कई गुना अधिक घातक होगी। इसका निर्माण पूरी तरह देश के अंदर ही होगा।

प्रधानमंत्री ने आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति का उल्‍लेख करते हुए कहा कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्‍मन है। हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता आया है। देश के सीने को छलनी कर दिया गया है। अब हमने एक न्‍यू नॉर्मल प्रस्‍थापित किया है। आतंक को और आतंकी को पालने-पोसने वालों को, आतंकियों को ताकत देने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानेंगे। वो मानवता के समान दुश्‍मन हैं उनके बीच कोई फर्क नहीं है।

प्रधानमंत्री ने आत्‍मनिर्भरता की भावना को विकसित भारत का मंत्र बताया। एक राष्‍ट्र के लिए आत्‍म-सम्‍मान की सबसे बड़ी कसौटी आज भी उसकी आत्‍मनिर्भरता है। विकसित भारत का आधार भी है- आत्‍मनिर्भर भारत। आत्‍मनिर्भरता का नाता हमारे सामर्थ्‍य से जुड़ा हुआ है। इसीलिए हमारे सामर्थ्‍य को बचाए रखने, बनाए रखने और बढ़ाए रखने के लिए आत्‍मनिर्भर होना बहुत अनिवार्य है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सौर, हरित और परमाणु ऊर्जा के माध्‍यम से देश को आत्‍मनिर्भर बनाने की प्रतिबद्धता का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महत्‍वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता ज़रूरी है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए देश में राष्‍ट्रीय महत्‍वपूर्ण खनिज मिशन शुरू किया गया है और शीघ्र ही हमारा देश इस क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़ी-बड़ी कम्‍पनियों में युवाओं को इंटर्नशिप दी जा रही है। उन्‍होंने युवाओं को खुशखबरी देते हुए कहा कि आज से एक लाख करोड़ रुपये की योजना शुरू की जा रही है। उन्‍होंने आज से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लागू करने की घोषणा की। उन्‍होंने कहा निजी कंप‍नी में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को 15 हजार रुपये दिये जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि इस दीपावली में देशवासियों को बड़ा तोहफा मिलने वाला है। उन्‍होंने कहा कि हम अगली पीढ़ी के लिए जीएसटी सुधार लेकर आ रहे हैं। इससे उद्यमियों, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्योगों को ताकत मिलेगी। रोजमर्रा की चीजें सस्‍ती हो जाएंगी और अर्थव्‍यवस्‍था को बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान, मछुआरे और पशुपालक हमारी प्राथमिकता हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों के साथ कोई समझौता स्‍वीकार नहीं करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अब परमाणु धमकी के आगे नहीं झुकेगा। भारत ने तय कर लिया है, न्‍यूक्लियर के धमकियों को अब हम सहने वाले नहीं हैं। न्‍यूक्लियर ब्‍लैकमेल लंबे अरसे से चला आया है। अब ब्‍लैकमेल नहीं सहा जाएगा। आगे भी अगर दुश्‍मनों ने यह कोशिश जारी रखी, हमारी सेना तय करेगी, सेना की शर्तों पर सेना जो समय निर्धारित करे उस समय पर, अब हम अमल में लाकर के रहने वाले हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में मोटापे की समस्‍या को लेकर भी चिंता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने खाने में तेल का उपयोग दस प्रतिशत कम करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम 2027 तक विकसित भारत बनने के लिए न रुकेंगे, न झुकेंगे और परिश्रम की परिकाष्‍ठा करते रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि हम हर प्रकार की गुलामी से मुक्ति पाकर अपनी विरासत पर गर्व करेंगे। इसके लिए एकता ही सबसे शक्तिशाली संकल्‍प होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने प्रेरणादायक पंक्तियों, भारत माता और वंदे भारत के जयघोष के साथ भाषण का समापन किया। हमें याद रखना है परिश्रम में जो तपा है, उसने ही तो इतिहास रचा है। जिसने फौलादी चट्टानों को तोड़ा है, उसने ही समय को मोड़ा है। और समय को मोड़ देने का भी यही समय है, सही समय है। मेरे प्‍यारे देशवासियों मेरे साथ बोलेंगे, जय हिन्‍द। जय हिन्‍द। जय हिन्‍द।

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *