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Union Health Minister JP Nadda virtually inaugurated the first conference on best practices of the Ministry at AIIMS Nagpur
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने राज्यों द्वारा की जा रही निवारक गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से डेंगू और मलेरिया की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने राज्यों द्वारा की जा रही निवारक गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से देश में डेंगू और मलेरिया की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जे.पी. नड्डा ने समीक्षा के दौरान, डेंगू और मलेरिया की रोकथाम एवं नियंत्रण की वर्तमान स्थिति और प्रमुख चुनौतियों का जायजा लिया। उन्होंने राज्यों, स्थानीय निकायों और समुदायों से आग्रह किया कि वे विशेष रूप से इस उच्च जोखिम वाले दौर में जन स्वास्थ्य की रक्षा और वेक्टर जनित रोगों के बोझ को कम करने में प्राप्त सफलता को बनाए रखने के लिए निवारक एवं नियंत्रण उपायों को और तेज़ करें।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों को एक परामर्श भी जारी किया, जिसमें उनसे आगामी महीनों में सतर्क रहने और डेंगू तथा मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए निवारक उपायों के साथ-साथ सामुदायिक जागरूकता गतिविधियों को तेज करने का आग्रह किया गया।

जे.पी. नड्डा ने वेक्टर जनित रोगों के विरुद्ध तत्काल और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों को व्यक्तिगत रूप से स्थिति की समीक्षा करने और 20 दिनों के अंदर कार्य योजनाएं तैयार करने की सलाह दी। नगर निगमों, पंचायतों और स्थानीय निकायों को सामुदायिक जागरूकता अभियान तेज़ करने को कहा गया। केंद्र सरकार के अधीन अस्पतालों सहित सभी अस्पतालों को पर्याप्त दवाएँ, निदान सुविधाएँ, बिस्तर और मच्छर-मुक्त परिसर सुनिश्चित करने होंगे। हाल ही में हुई बारिश के कारण जल जमाव के कारण मच्छरों के प्रजनन स्थल बनने के मद्देनजर, राज्यों और स्थानीय निकायों को निवारक उपाय बढ़ाने को कहा गया। सामुदायिक भागीदारी और व्यक्तिगत सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए गहन सूचना, संचार और सोशल मीडिया जारी रहेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि डेंगू की स्थिति का बारीकी से आकलन करने और अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक भी आयोजित की जाए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने मलेरिया से निपटने में उल्लेखनीय प्रगति की है। देश ने 2015 से 2024 के बीच मलेरिया के मामलों में 78 प्रतिशत से अधिक और मलेरिया से संबंधित मौतों में लगभग 78 प्रतिशत की कमी हासिल की है। वर्ष 2022-24 के बीच 160 जिलों में मलेरिया का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।

भारत सरकार ने मलेरिया उन्मूलन की दिशा में कई पहल शुरू की हैं, जिनमें मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2023-27), वास्तविक समय निगरानी के लिए एकीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन मंच (आईएचआईपी) का कार्यान्वयन, आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि में वृद्धि, लंबे समय तक चलने वाले कीटनाशक जालों (एलएलआईएन) का बड़े पैमाने पर वितरण, प्रयोगशाला तकनीशियनों के लिए पुनश्चर्या प्रशिक्षण और “शून्य मलेरिया” का दर्जा प्राप्त करने वाले जिलों को मान्यता प्रदान करना शामिल है। भारत ने वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है ।

जे.पी. नड्डा ने डेंगू के संबंध में कहा कि सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश (लद्दाख को छोड़कर) डेंगू और चिकनगुनिया से प्रभावित हैं और इनके प्रकोप का जोखिम मानसून और मानसून के बाद की अवधि में सबसे अधिक होता है। राष्ट्रीय डेंगू नियंत्रण रणनीति को राज्य वेक्टर-जनित रोग प्रकोष्ठों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसमें निगरानी, ​​केस प्रबंधन, वेक्टर नियंत्रण, अंतर-क्षेत्रीय समन्वय और सामुदायिक जागरूकता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

भारत सरकार ने 869 प्रहरी निगरानी अस्पतालों और 27 शीर्ष रेफरल प्रयोगशालाओं के माध्यम से निशुल्क परीक्षण सुविधाएं प्रदान करके नैदानिक ​​क्षमता को भी मजबूत किया है। 2025 तक (आज तक), राज्यों को 5,520 से अधिक डेंगू और 2,530 चिकनगुनिया निदान किट प्रदान की जा चुकी हैं। गहन सूचना एवं संचार गतिविधियां, डेंगू विरोधी माह (जुलाई) और राष्ट्रीय डेंगू दिवस (16 मई) का आयोजन और विश्व डेंगू दिवस (30 जनवरी) पर इंडिया गेट को रोशन करना, निवारक उपायों में तेजी लाने के राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा थे।

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